
कनाडा में ग्रीन कार्ड पाने के लिए सबसे योग्य हैं भारतीय, चीन को पछाड़ा
नई दिल्ली। कनाडा में ग्रीन कार्ड (स्थाई नागरिकता) पाने वाले भारतीयों की तादात बढ़ती जा रही है। एक आकड़े के अनुसार स्थाई नागरिकता पाने योग्य उम्मीदवारों में भारतीयों की संख्या 2016 के मुकाबले 2017 में करीब 200 प्रतिशत की बढ़ी है। कनाडा के एक्सप्रेस एंट्री कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीयों को स्थाई नागरिकता पाने वालों में सबसे योग्य उम्मीदवार माना गया हैं। इस योजना के तहत, 2017 में भेजे गए 86,022 निमंत्रणों में से लगभग 42 प्रतिशत (या 36,310) भारतीय नागरिकता पाने के लिए सबसे उपयुक्त पाए गए हैं।इस मामले में चीन दूसरे स्थान पर है। स्थाई नागरिकता पाने वालों में चीन के लोग केवल आठ प्रतिशत ही है।
क्या है एक्सप्रेस एंट्री योजना
इस योजना के तहत कनाडा में किसी भी देश के नागरिक को स्थाई नागरिकता देने के पहले उसके कार्यशैली और कार्यनुभव को देखा जाता है। इसके साथ उसके हुनर का भी आकलन किया जाता है। यह आंकड़े कर्मचारी की कंपनी से मंगाए जाते हैं। योजना के तहत जब उम्मीदवार सभी मानकों पर खरा उतरता है तभी उसे नागरिकता प्रदान की जाती है। कनाडा में भारतीयों के अलावा सबसे अधिक चीन और उसके बाद नाइजीरिया के लोग है। यहां वे अपने हुनर के बल पर एच1बी वीजा (इमीग्रेशन एण्ड नैशनॅलिटी ऐक्ट) को हासिल करते हैं। यह अस्थाई वीजा होता है और कुछ समय के लिए होता हैं।इस वीजा के तहत कंपनी विदेशी कर्मचारी को अपने यहां कुछ समय के लिए नियुक्त कर सकती है। समय अविधि खत्म होने पर उसे दोबारा इस वीजा के लिए आवेदन करना होता है। इस दौरान अगर कर्मचारी कंपनी छोड़ता है और उसे अन्य किसी दूसरी कंपनी में नौकरी नहीं मिलती है तो उसे देश छोड़कर जाना होता है।
बेहतर है जीवन का स्तर
कनाडा में भारतीय की जनसंख्या दर्शाती है कि वह यहां पर स्थाई तौर पर रहने के इच्छुक हैं। 2016 में, कनाडा में भारतीय नागरिकता रखने वाले लोगों को भेजे गए आमंत्रणों की संख्या केवल 11,037 थी, जो एक अब बढ़कर दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय कनाडा से दूर नहीं होना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उन्हें यहां बेहतर के जीवनस्तर के साथ नौकरी में भी भरपूर लाभ मिल रहा है। सरकार की भी नजर में भारतीय स्थाई नागरिकता पाने में सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। वीजा पाने वालों में ज्यादातर भारतीय साफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर, डिजाइनर, कंप्यूटर प्रोग्रामर और प्रोफेसर शामिल हैं। इनमें कई पिछले कई सालों से कनाडा में रह रहे हैं।
Published on:
15 Jun 2018 09:31 am
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