ईरान ने एक मिसाइल का नाम अपने शीर्ष कमांडर के नाम पर ‘शहीद कासिम सुलेमानी’ ( Martyr Qassem Soleimani Missile ) रखा है। इसकी मारक क्षमता करीब 1400 किलोमीटर तक है। दूसरे क्रूज मिसाइल का नाम ईरान ने शहीद अबू महदी ( Martyr Abu Mahdi Missile ) रखा है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर है।
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बता दें कि ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी और अबू महदी की इराक में अमरीकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। जिसके बाद से दोनों देशों में तनाव काफी गहरा गया है। बता दें कि अमरीका लगातार ये मांग कर रहा है कि ईरान अपने मिसाइल परीक्षण को रोकें। लेकिन अब ईरान ने दो ताकतवर मिसाइलों के सफल परीक्षण करके अमरीका, इजरायल, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ( Saudi Arabia and United Arab Emirates ) को चेतावनी देने की कोशिश की है। ईरान के रक्षा मंत्री अमीर हातमी ने इन दोनों मिसाइलों के सफल परीक्षण का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति रूहानी ने मिसाइलों को बताया खास
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ( Iran’s President Hassan Rouhani ) ने इन दोनों मिसाइलों को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर क्रूज मिसाइल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमने मात्र दो साल के अंदर इसकी रेंज को 300 से बढ़ाकर 1000 किलोमीटर तक कर लिया है जो एक बड़ी उपलब्धि है।
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रुहानी ने यह भी कहा कि ईरान की सैन्य ताकत और मिसाइल कार्यक्रम किसी हमले से रक्षा करने के लिए है न कि हमला करने के लिए। इससे पहले बीते दिन गुरुवार को रूहानी ने अपने उन्नत ड्रोनों के लिए चौथी पीढ़ी के हल्के टर्बो-फैन इंजनों का भी अनावरण किया है।
बता दें कि मिसाइलों के सफल परीक्षण की तस्वीरें ईरान की सरकारी टीवी चैनल पर दिखाई गई और ये दावा किया गया कि यह ईरान के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा।
ईरान का शत्रु है इजरायल और UAE
आपको बता दें कि ईरान का ये मिसाइलों का सफल परीक्षण इस लिए सबसे महत्वूर्ण हो जाता है, क्योंकि अभी हाल ही में इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात ( UAE ) के बीच शांति समझौता हुआ है। चूंकि इजरायल को ज्यादातर मुस्लिम देशों ने स्वीकृति नहीं दी है। ऐसे में UAE और इजरायल के बीच समझौता होना सबसे बड़ी बात है। बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Pakistan PM Imran Khan ) ने भी दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर बयान देते हुए कहा था कि जब तक फिलीस्तीन का मामला नहीं सुलझ जाता है, तब तक पाकिस्तान और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध संभव नहीं है।
इजरायल और यूएई का सबसे बड़ा शत्रु देश ईरान है। ऐसे में ईरान ने नई मिसाइलों का परीक्षण करके अपनी बढ़ती क्षमता से ये बताने की कोशिश की है कि हर मुकाबले के लिए वे तैयार हैं। बहरहाल, अमरीका ईरान पर शिकंजा कसने के लिए लगातार मिसाइलों के परीक्षण को रोकने और प्रतिबंध लगाने की मांग करता रहा है। अमरीका ने 2018 में ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए भी हैं।