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Iran: सर्वोच्च नेता Ayatollah Sayyid Ali Khamenei का भारत प्रेम, हिंदी में बनाया Twitter Account

locationनई दिल्लीPublished: Aug 10, 2020 07:35:09 am

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली खामनेई ( Iran supreme leader Ayatollah Sayyid Ali Khamenei ) ने अपना ट्विटर अकाउंट ( Twitter Account ) हिन्दी भाषा में बनाया है।
उनके हिंदी अकाउंट से अभी तक किसी भारतीय नेता ( Indian Leader ) को फॉलो नहीं किया गया है। बल्कि, अलग-अलग भाषाओं के अपने ही अकाउंट को फॉलो किया गया है।
इस अकाउंट का नाम भी हिंदी में है और इससे हिंदी भाषा ( Hindi Language ) में ही ट्वीट किए जा रहे हैं।

Iran supreme leader Ayatollah Sayyid Ali Khamenei

Iran: supreme leader Ayatollah Sayyid Ali Khamenei Created Twitter Account in Hindi

तेहरान। हिन्दी भाषा ( Hindi Language ) की ख्याति दिन प्रतिदिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता जा रहा है। इस का एक और ताजा उदाहरण ईरान में देखने को मिला है। दरअसल, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली खामनेई ( Iran supreme leader Ayatollah Sayyid Ali Khamenei ) ने अपना ट्विटर अकाउंट हिन्दी भाषा ( Twitter Account In Hindi Language ) में बनाया है।

हालांकि, उनके हिंदी अकाउंट से अभी तक किसी भारतीय नेता को फॉलो नहीं किया गया है। बल्कि, अलग-अलग भाषाओं के अपने ही अकाउंट को फॉलो किया गया है। इस अकाउंट का नाम भी हिंदी में है और इससे हिंदी भाषा में ही ट्वीट किए जा रहे हैं।

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अभी तक इस अकाउंट से दो ट्वीट किए गए हैं। अपने पहले ट्वीट में खामनेई ने लिखा ‘अल्लाह के नाम से, जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है।’ बता दें कि खामनेई ने हिंदी के साथ-साथ फारसी, अरबी, उर्दू, फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी और अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में भी ट्विटर अकाउंट बनाए हैं।

बता दें कि खामनेई का हिंदी ट्विटर अकाउंट इसलिए भी बहुत अहम हो जाता है, क्योंकि भारत-ईरान के संबंध ( Iran-India Relation ) बहुत पुराने और महत्वपूर्ण हैं। अमरीका ( America ) की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी ईरान-भारत के रिश्तों में दूरियां नहीं बढ़ी। दोनों देशों के बीच चाबहार पोर्ट और चाबहार-जहेदान रेल लिंक परियोजना ने नए आयाम दिए हैं।

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खामनेई का भारत से गहरा नाता

आपको बता दें कि अयातुल्ला अली खामेनेई का भारत से गहरा नाता है। खामनेई के दादा सैय्यद अहमद मसूवी ( Syed Ahmed Masuvi ) उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले थे। 1830 में अहमद मसूवी उस समय के अवध के नवाब के साथ ईरान और इराक की यात्रा पर गए थे। उस दौरान सैय्यद अहमद मसूवी को ईरान का खामेनेई गांव इतना पसंद आया कि वे वहीं बस गए और फिर कभी भी भारत नहीं लौटे। इसके बाद अहमद मसूवी का वंश जैसे-जैसे बढ़ता गया, उनलोगों ने खामनेई नाम को ही अपना सरनेम बना लिया और फिर धीरे-धीरे यह परिवार ईरान का सबसे शक्तिशाली परिवारों में पहचाना जाने लगा।

विवादों में रहे हैं खामनेई के सोशल मीडिया अकाउंट

मालूम हो कि खामनेई के ट्विटर अकाउंट पहले कई मामलों को लेकर चर्चा में रहे हैं और यही कारण है कि कुछ ईरानी कार्यकर्ताओं मे उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

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2019 में ईंधन की बढ़ती कीमतों और अन्य मामलों पर बढ़ते सरकार विरोधी प्रदर्शनों ( Protest In Iran ) को रोकने के लिए सरकार की ओर से इंटरनेट बंद करने के खिलाफ लोगों ने आवाज बुलंद की और खामनेई के सोशल मीडिया अकाउंट को बंद करने की मांग की थी।

इसके अलावा इस साल फरवरी में अमरीका के रिपब्लिकल सीनेटरों ( US Republican Senators ) के एक समूह ने ट्विटर से खामनेई और ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जारिफ का अकाउंट बंद करने का अनुरोध किया था।

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