बीते कुछ दिनों में उन्होंने अब तक दर्जनों बच्चों को मौत के घाट उतारा है। इनमें 11 साल तक के बच्चे शामिल हैं। आतंकियों के बढ़ते आंतक को देख अब लोग अपने घरों से पलायन कर रहे हैं। ब्रिटेन स्थित सहायता समूह ‘सेव द चिल्ड्रेन’ ने इस देश की भयावह तस्वीर पेश की है। जो दहला देने वाली है।
गांव छोड़ने वालों ने सुनाई आपबीती
आतंकियों के जुल्म से अपना गांव छोड़ चुके लोगों ने इस समूह से बातचीत करते हुए आतंकियों के आंतक का जिक्र किया है। उन्होंने बताया है कि आतंकियों ने महिलाओं-पुरुषों के साथ बच्चों पर भी तरस नही खाया और सैकड़ों-हजारों लोगों की हत्या करके खून की होली खेली। बताया जाता है कि एक महिला ने अपने तीन बच्चों को छिपाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसके बेटे को जंगल से पकड़कर लाए और उसका सिर कलम कर दिया।
जानकारी के अनुसार मोजाम्बिक का उत्तरी प्रांत काबो डेलगाडो साल 2017 से आतंकवादियों के कब्जे में आ चुका है। इसके चलते इस जगह को आतंकियों का गढ़ कहा जाने लगा है। बीते कुछ सालों से इस जगह पर आतंकी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। ये आतंकी इस्लामिक स्टेट से जुड़े बताए जाते हैं। सेना के साथ उनकी कई बार मुठभेड़ हो चुकी है। लेकिन इस जगह को वो छोड़ने को तैयार नही हैं। आतंकी इस देश के महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा करना चाहते हैं।
इन आतंकी गतिविधियों पर अमरीका की नजर
मोजाम्बिक में हो रही घटनाओं ने हर किसी देश को हिलाकर रख दिया है। अब अमरीका भी इन आतंकी गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। आईएसआईएस से जुड़ा होने के चलते अमरीका ने पिछले सप्ताह मोजाम्बिक के इस समूह को एक आतंकी संगठन घोषित किया है। मोजाम्बिक स्थित अमरीकी दूतावास ने सोमवार को कहा कि वह इस देश के सैनिकों को ना केवल दो महीने प्रशिक्षण देगा बल्कि इस देश को संकट से उबारने के लिए अमरीका चिकित्सा सुविधा एवं संचार उपकरण उपलब्ध कराएगा।