अमरीका के फ्लोरिडा के फोर्ट लॉडरडेल की 22 वर्षीय फिलिस्तीनी छात्रा लारा अल्कासेम, यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय में भाग लेने के लिए एक स्टूडेंट वीजा पर इजराइल पहुंची, लेकिन उन्हें तेल अवीव के बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया । लारा अल्कासेम पर फिलिस्तीन के बॉयकॉट और प्रतिबंध आंदोलन से संबंध रखने का आरोप है। हमास समर्थित इस आंदोलन को बीडीएस के नाम से जाना जाता है। छात्रा के वकील बेचोर ने बुधवार को बताया, “उनके छात्र वीजा जारी होने के बाद उन्हें हवाई अड्डे से बाहर न निकलने देने का कोई औचित्य नहीं था। वीजा पाने वाला कोई व्यक्ति सरकार के फैसले में अपना विश्वास रखता है, इसलिए अगर सरकार को हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद वीजा रद्द करना था तो इसे पहले ही खत्म कर दिया जाना चाहिए था।
अलाकासेम 2 अक्टूबर को इजराइल पहुंचने के बाद हवाई अड्डे पर एक पर्यटक सुविधा केंद्र में हिरासत में हैं। हालांकि उसको फोन का उपयोग करने की अनुमति है लेकिन उसे उसके वकीलों के अलावा किसी और से मिलने की इजाजत नही है। इजराइल के रणनीतिक मामलों के मंत्रालय ने, जो बीडीएस मामलों को संभालते हैं, अलकासम को फिलीस्तीनी कार्यकर्ता माना है और कहा है कि वह इजराइल में प्रवेश करने के मानदंडों को पूरा नहीं करती। एक बयान में सामरिक मामलों के मंत्री गिलद एर्डन ने कहा, “हर लोकतंत्र की तरह इज़राइल को भी विदेशी नागरिकों के प्रवेश को रोकने का अधिकार है।” उन्होंने आगे कहा कि हम उन लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए काम करते हैं जो विरोधी बीडीएस अभियान को बढ़ावा देते हैं और इजराइल के विनाश की कामना करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि अलकासम किसी भी समय अमरीका वापस लौटने के लिए स्वतंत्र हैं।
इस मामले पर बयान देते हुए अमरीकी दूतावास के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि हम मामले को देख रहे हैं और अलकासेम को अमरीकी कॉन्सुलेट की सहायता प्रदान की जा रही है। विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि यह इजरायल सरकार के साथ-साथ सभी देशों के लिए सही है कि वह जिसे चाहे अपने देश में आने दे। उधर हिब्रू विश्वविद्यालय के अकादमिक सीनेट ने अलकासेम के हिरासत की निंदा की और उसे तत्काल रिहा करने की मांग की है।