जनवरी से शुरू हो गया था काम कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टोफेल्स बताया कि जनवरी में ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था। कोरोना का टीका तैयार करने के लिए इबोला वायरस टीका बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक इस्तेमाल की जाएगी।
जानवरों पर किया गया ट्रायल स्टोफेल्स ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ कोल्ड वायरस को मिलाकर यह कैंडिडेट वैक्सिन बनाया है। यह कुछ हद तक कोरोनावायरस की तरह है। उम्मीद है कि यह इंसानों में कोरोना के लिए प्रतिरोधी क्षमता पैदा कर सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कई कैंडिडेट वैक्सिन तैयार किए गए थे। कई जानवरों पर इसका ट्रायल किया गया, जिसमें 12 हफ्ते का समय लगा। इसके बाद इनमें से सबसे उपयुक्त सीवी चुना गया।
गौरतलब है कि भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 1300 से अधिक मामले सामने आए हैं. कोरोना से संक्रमित लोगों में से भारत में मरने वाले लोगों की संख्या 32 हो गयी है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके। दिल्ली-एनसीआर के लोगों में एक अलग ही बेचैनी देखने को मिली है. मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनिटाइजर की कमी हो गई है, क्योंकि लोग तेजी से इन्हें खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं।