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फिजी सुप्रीम कोर्ट के नॉन-रेजिडेंट जज होंगे जस्टिस मदन लोकुर, 15 अगस्त को लेंगे शपथ

31 दिसंबर, 2018 जस्टिस मदन बी लोकुर को प्रस्ताव मिला 2012 में जस्टिस लोकुर भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज बने गुवहाटी और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे

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Justice Madan Lokur

फिजी सुप्रीम कोर्ट के नॉन-रेजिडेंट जज बने जस्टिस मदन लोकुर

सूवा। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस मदन बी लोकुर को फिजी के सुप्रीम कोर्ट के नॉनसेंट्रल पैनल का जज नियुक्त किया गया है। यह भारतीय न्यायपालिका के लिए एक दुर्लभ सम्मान है। वह तीन साल तक पद संभालेंगे। हालांकि उन्हें 31 दिसंबर, 2018 को प्रस्ताव मिला था, जिस दिन वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए, न्यायमूर्ति मदन लोकुर इस वर्ष 15 अगस्त को वह अपनी नई पारी के लिए शपथ लेंगे।

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न्यायाधीशों को आमंत्रित किया

वह सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले गुवहाटी उच्च न्यायालय और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। फिजी के सर्वोच्च न्यायालय में एक वर्ष में तीन सत्र होते हैं। न्यायमूर्ति लोकुर 15 अगस्त से 30 अगस्त, 2019 तक सत्र के लिए इसमें शामिल होंगे। जिन अन्य देशों से फिजी ने अपने सर्वोच्च न्यायालय में शामिल होने के लिए न्यायाधीशों को आमंत्रित किया है,उनमें ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका शामिल हैं। 4 जून 2012 में जस्टिस लोकुर सुप्रीम कोर्ट के जज बने। उन्होंने जुलाई 1977 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया और दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। वह 1981 में सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बने और 1997 में सीनियर एडवोकेट नामित किए गए। उन्हें 1998 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया और फरवरी 1999 तक उस पद पर बने रहने के बाद जब वह दिल्ली हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने।

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