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पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे से ड्रैगन को क्‍यों हुआ टेंशन? जानिए हकीकत

इंडोनेशिया के सबांग द्वीप का सामरिक महत्‍व होने के कारण चीन पीएम के इस यात्रा को महत्‍व देता है।

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Dhirendra Kumar Mishra

May 29, 2018

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पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे से ड्रैगन को क्‍यों हुआ टेंशन? जानिए हकीकत

नई दिल्‍ली। ऐसे कई कारण हैं जिसके चलते चीन और भारत एक-दूसरे की हर गतिविधियों नजर रखते हैं। चाहे मामला वैश्विक ट्रेड, सामरिक,कूटनयिक व अन्‍य में से कुछ भी क्‍यों न हो दोनों हर मोर्चे पर एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते हैं। लेकिन इस बार मसला थोड़ा उल्‍टा है। पीएम मोदी इंडोनेशिया के दौरे पर रवाना हो गए हैं और इसकी प्रतिक्रिया चीन में हो रही है। वहां की मीडिया में मोदी के इस दौरे को खूब तवज्‍जो दी जा रही है। आपको बता दें कि हाल ही में इंडोनेशिया ने भारत को सामरिक लिहाज से अहम अपने सबांग द्वीप तक आर्थिक और सैन्य पहुंच दी है।

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किस बात को लेकर सबांग द्वीप की अहमियत?
दरअसल, ये द्वीप सुमात्रा के उत्तरी छोर पर है। मलक्का स्ट्रैट के करीब है। कुछ समय पूर्व इंडोनेशिया के मंत्री लुहुत पंडजैतान ने बयान दिया था कि भारत सबांग के पोर्ट और इकोनॉमिक जोन में निवेश करेगा और वहां पर एक अस्पताल भी बनाएगा। सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री ने बताया कि वो 29 मई से 2 जून के बीच इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर के दौरे पर जा रहे हैं। मलेशिया में मोदी अपने समकक्ष महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे। सिंगापुर में छात्रों और सीईओ से मुलाकात के अलावा क्लिफर्ड पियर जाएंगे। क्लिफर्ड पियर वही स्‍थान है जहां पर महात्मा गांधी की अस्थियां विसर्जित की गई थीं। लेकिन इनमें से ड्रैगन की सबसे ज्‍यादा तिरछी निगाह इंडोनेशिया यात्रा पर है। इसकी सबसे बड़ी वजह हाल में दोनों देशों के बीच सबांग पर बनी सहमति है। यही कारण है कि ड्रैगन पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे से परेशान है।

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पीएम ने फेसबुक पर लिखा...
इंडोनेशिया यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने फेसबुक पर लिखा है कि राष्ट्रपति जोको विडोडो के न्योते पर मैं 29 मई को जकार्ता में रहूंगा। प्रधानमंत्री के रूप में ये मेरी पहली इंडोनेशिया यात्रा है। मैं, 30 मई को विडोडो से बातचीत को लेकर उत्साहित हूं। लेकिन सबांग इतना जरूरी क्यों है? मलक्का स्ट्रैट को दुनिया के समंदर के रास्ते में छह में से वो एक पतला रास्ता माना जाता है, जिसकी सामरिक दृष्टि से अहमियत बहुत है। वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से तेल गुजरता है। भारत और इंडोनेशिया ने सबांग में सहयोग के प्रस्ताव पर 2014-15 में सोचना शुरू किया था। हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती पैठ ने भारत और इंडोनेशिया की चिंता बढ़ा दी थी और इसी वजह से सबांग को लेकर सहमति बनी है।