उन्होंने राजधानी बिश्केक (Bishkek) में आपातकाल (state of emergency) की स्थिति का ऐलान कर सैनिकों की तैनाती के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के समर्थक बीते चुनाव के परिणामों के बाद सड़कों पर उतर आए हैं।
राजधानी में एक मीडियाकर्मी ने गोलियों की आवाज सुनी और प्रतिद्वंद्वी समूहों के सदस्यों को हाथापाई करते हुए भी देखा है। प्रदर्शनकारी एक दूसरे पर पत्थर और बोतलें फेंकते और हाथापाई करते दिखाई दिए। कुछ लोग शांति बनाए रखने की कोशिश में थे।
सुरक्षा के इंतजाम बहुत सख्त जेनेबकोव के कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार तुरंत आपातकाल लगाने की बात कही गई। देश में कर्फ्यू का पालन सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। सुरक्षा के चाक-चौबंद बहुत ही ज्यादा सख्त कर दिए गए हैं।
Afghanistan: हेरात-कंधार हाइवे पर बड़ा धमाका, दो की मौत, दस से अधिक घायल कर्फ्यू के आदेश शुक्रवार को आठ बजे सुबह से लागू कर दिए गए हैं। इसे 21 अक्टूबर की सुबह 8 बजे तक लागू करने को कहा है। राष्ट्रपति कार्यालय के आदेश में यह नहीं कहा गया है कि देश में कर्फ्यू के लिए कितने पुलिस कर्मी लगाए जाएंगे। हालांकि सेना भी हिंसा को रोकने के लिए लगाई गई है। वाहनों का इस्तेमाल करने और जगह-जगह चेकनाका लगाने के आदेश दिए हैं। इस तरह से दंगों को रोकने की तैयारी की गई है।