
लीबिया: त्रिपोली में सरकार व विद्रोहियों के बीच हिंसक संघर्ष में 147 की मौत, 600 से अधिक घायल
त्रिपोली। लीबिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच हिंसक संघर्ष में 147 लोगों की मौत हो गई जबकि 600 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। लीबिया के सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार राजधानी त्रिपोली को अपने कब्जे में लेने के लिए चार अप्रैल से ही संघर्ष छेड़ दिया है और इस संघर्ष में दिन प्रतिदिन लोगो के मौत के आंकड़ों में इजाफा होता ही जा रहा है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को यह जानकारी दी है। मालूम हो कि लीबिया में आम तौर पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार सत्ता में काबिज रहती हैं, लेकिन अभी ज्यादातर हिस्सों में चरमपंथी गुटों का कब्जा है। यूएन ने एक आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि अबतक 18 हजार से भी अधिक लोक विस्थापित हो चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार के बलो ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त 'गवर्मेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड' (जीएनए) के वफादारों से त्रिपोली का कब्जा छीनने के लिए हमला कर दिया है। इस हमले में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए कम से कम आठ एंबुलेंस लगाईं गई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों ही गुटों से संघर्ष खत्म करने की अपील की गई है लेकिन दोनों ही तरफ से इस अपील को अनसुना कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपील की है कि दोनों गुट सयंम बरतें और अस्पतालों, एंबुलेंस और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नुकसान न पहुंचाए।
सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार की अगुवाई में आगे बढ़ रहे हैं विद्रोही
मालूम हो कि बीते दिनों लीबिया के सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार द्वारा अपनी सेनाओं को त्रिपोली में सरकार पर हमला करने का आदेश देने के बाद से देश में तनाव बढ़ गया है। जनरल हफ्तार की लीबियन नेशनल आर्मी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 'गर्वनमेंट ऑफ नेशनल अकार्ड' से सत्ता अपने हाथ में लेना चाहती है। इससे पहले प्रधानमंत्री फायेज अल-सेराज ने हफ्तार पर तख्तापलट का प्रयास करने का आरोप लगाया है और कहा कि विद्रोहियों को सुरक्षा बलों का सामना करना होगा। लंबे समय तक लीबिया पर शासन करने वाले शासक मुअम्मर गद्दाफी के 2011 में सत्ता से बेदखल होने और मारे जाने के बाद से लीबिया में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। 1969 में लीबिया की गद्दी पर बैठे तानाशाह शासक गद्दाफी के खिलाफ 2011 के फरवरी में विद्रोेहियों ने सशस्त्र विद्रोह शुरू कर दिया था, हालांकि विद्रोहियों को सबसे बड़ी कामयाबी अगस्त में मिली थी। विद्रोहियों ने राजधानी त्रिपोली को अपने कब्जे में ले लिया था। अब अगस्त 2018 में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई, जब चरमपंथियों ने त्रिपोली के दक्षिणी इलाके में हमला किया था।
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Published on:
16 Apr 2019 05:43 pm
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