
लीबिया संकट: त्रिपोली में रह रहे भारतीयों के लिए MEA ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, मदद का दिया आश्वासन
त्रिपोली। लीबिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच चल रहे हिंसक संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 205 हो गई है जबकि घायलों की संख्या 913 तक पहुंच गई है। राजधानी त्रिपोली पर कब्जा करने के लिए सैन्य प्रमुख हफ्तार के लीबियन आर्मी और लीबियन आर्म फोर्सेस के बीच संघर्ष चल रहा है। इस सघंर्ष में कई भारतीय नागरिक भी फंसे हुए हैं। लिहाजा भारत सरकार ने उनके बचाने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए त्रिपोली में रह रहे भारतीयों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। ट्वीट में आगे रवीश कुमार ने लिखा कि भारतीय नागरिकों के वहां से निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। भारतीय दूतावास हेल्पलाइन नंबर है- 00218 924201771 और 912146640
चार अप्रैल से शुरु है संघर्ष
बता दें कि इसी महीने चार अप्रैल से सैन्य प्रमुख हफ्तार की लीबियन आर्मी और लीबियन आर्म फॉर्सेस के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। हफ्तार ने राजधानी त्रिपोली पर कब्जा करने के लिए संघर्ष का एलान किया था। लीबिया फिलहाल यून समर्थित सरकार का प्रतिनिधित्व है।
WHO ने बचाव के लिए उठाया कदम
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताय है कि अबतक 205 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि घायलों की संख्या बढ़कर 900 से अधिक हो गया है। इस हमले में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस लगाईं गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपील की है कि दोनों गुट सयंम बरतें और अस्पतालों, एंबुलेंस और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नुकसान न पहुंचाए। WHO ने घायलों के इलाज के लिए डॉक्टरों की व्यवस्था की है।
सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार की अगुवाई में आगे बढ़ रहे हैं विद्रोही
मालूम हो कि बीते दिनों लीबिया के सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार द्वारा अपनी सेनाओं को त्रिपोली में सरकार पर हमला करने का आदेश देने के बाद से देश में तनाव बढ़ गया है। जनरल हफ्तार की लीबियन नेशनल आर्मी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 'गर्वनमेंट ऑफ नेशनल अकार्ड' से सत्ता अपने हाथ में लेना चाहती है। इससे पहले प्रधानमंत्री फायेज अल-सेराज ने हफ्तार पर तख्तापलट का प्रयास करने का आरोप लगाया है और कहा कि विद्रोहियों को सुरक्षा बलों का सामना करना होगा। लंबे समय तक लीबिया पर शासन करने वाले शासक मुअम्मर गद्दाफी के 2011 में सत्ता से बेदखल होने और मारे जाने के बाद से लीबिया में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। 1969 में लीबिया की गद्दी पर बैठे तानाशाह शासक गद्दाफी के खिलाफ 2011 के फरवरी में विद्रोेहियों ने सशस्त्र विद्रोह शुरू कर दिया था, हालांकि विद्रोहियों को सबसे बड़ी कामयाबी अगस्त में मिली थी। विद्रोहियों ने राजधानी त्रिपोली को अपने कब्जे में ले लिया था। अब अगस्त 2018 में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई, जब चरमपंथियों ने त्रिपोली के दक्षिणी इलाके में हमला किया था।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .
Updated on:
20 Apr 2019 10:59 pm
Published on:
19 Apr 2019 08:18 pm
बड़ी खबरें
View Allविश्व की अन्य खबरें
विदेश
ट्रेंडिंग
