पाकिस्तान में करतारपुर गुरुद्वारा का प्रबंधन अब आईएसआई के कब्जे में, सिख समुदाय में गुस्सा
Highlights.
- इमरान सरकार की 9 सदस्यीय प्रबंधन कमेटी ने गुरुद्वारे का नियंत्रण अपने हाथ में लिया
- अब तक इस गुरुद्वारे का प्रबंधन कार्य पाकिस्तान सिख गरुद्वारा प्रबंधक कमेटी देख रही थी
- पाकिस्तान में करीब 200 गुरुद्वारे का प्रबंधन पहले भारत की गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी देखती थी

नई दिल्ली.
पाकिस्तान की इमरान सरकार की 9 सदस्यीय प्रबंधन बॉडी ने करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लिया लिया है। इस बॉडी में सभी मुस्लिम हैं। अब तक करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन पाक सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी देख रही थी।
पाकिस्तान में करीब 200 गुरुद्वारों के प्रबंधन का काम पहले भारत की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी देखती थी। बाद में पाकिस्तान ने 1998 में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा कमेटी बना दी। इसमें सभी सिख थे। यही कमेटी पूरे पाक में गुरुद्वारों का प्रबंधन देखती है।
करतारपुर गुरुद्वारे में अपना बिजनेस प्रोजेक्ट लेकर आई मुस्लिम बॉडी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। सिखों में इस पर रोष है कि जो उनका पवित्र स्थल पाक सरकार के लिए बिजनेस प्लान है।
बॉडी में आइएसआइ के लोग शामिल
पाकिस्तान की आइएसआइ गुरुद्वारे को व्यावसायिक स्थल में तब्दील करने में जुटी है। इस बॉडी में जो लोग शामिल हैं, सभी पाकिस्तान की इवियोक ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीवी) के है। इस बोर्ड को आईएसआई हेड करती है। बोर्ड के आईएसआई के साथ कितने गहरे संबंध हैं, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि इसका पहला अध्यक्ष आईएसआई चीफ जावेद नासिर था। अब करतारपुर बॉडी को मोहम्मद तारिक खान हेड कर रहे हैं। यह बॉडी सीधे ही बोर्ड को रिपोर्ट करेगी। बॉडी में अब्दुल्ला अवास, हैदर मुख्तियार, एहसान खान, हैदर अली, खुशनुद, अरशद, आदिल अली और तनवीर अहमद शामिल हैं।
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