
मार्क जुकरबर्ग।
वाशिंगटन। अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव (US President Election) में प्रचार के लिए सोशल मीडिया का जमकर सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में फेसबुक (Facebook) अपने यूजर्स को बरगालने वाली जानकारियों से दूर रखने का प्रयास करेगा। फेसबुक का कहना है कि वह अधिक वोटिंग को प्रेरित करने के साथ गलत सूचनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। इसके साथ नागरिक अशांति की आशंकाओं को कम करने की कोशिश कर रहा है। कंपनी के अनुसार चुनाव के पहले सप्ताह में नए राजनीतिक प्रचार पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ऐसी पोस्ट को हटाया जाएगा जो कोरोना वायरस और मतदान को लेकर गलत जानकारी दे रहे हों।
भ्रमों को दूर करना उनकी जिम्मेदारी
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को एक पोस्ट में लिखा कि यह चुनाव कोई सामान्य गतिविधि नहीं है। ऐसे में हमारे लिए लोकतंत्र को बचाना अहम जिम्मेदारी है। लोगों की मतदान प्रक्रिया में मदद करना और चुनाव में सभी भ्रमों को दूर करना उनके खास अहमियत रखते हैं। इसके लिए हिंसा और अशांति की आशंकाओं को कम करने के लिए खास कदम उठाने होंगे।
गलत सूचनाओं से किस तरह से दूर रखें
गौरतलब है कि फेसबुक तथा अन्य सोशल मीडिया कंपनियों इस बात का आकलन कर रही हैं कि गलत सूचनाओं से किस तरह से यूजर्स को दूर रखा जाए। यह समीक्षा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य उम्मीदवारों की ओर से गलत सूचनाएं पोस्ट करने, 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप तथा अमरीकी राजनीति में दखल करने के प्रयासों पर खासतौर पर की जा रही है।
लंबे समय से फेसबुक की आलोचना
फेसबुक की बीते कई चुनाव में आलोचना जारी है। उस पर आरोप लगते रहे है कि वह राजनीतिक प्रचार में तथ्यों की पड़ताल नहीं करता है। वह इस पर सख्त कार्रवाई को अंजाम नहीं देता है। मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि चुनाव के नतीजे और गलत सूचनाओं से अशांति का खतरा बना हुआ है। इसे कम करने के प्रयास हो रहे हैं। अमरीकी चुनाव में सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार हो रहा है। यहां पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एक दूसर पर आरोप—प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती कई संवेदनशील घटनाओं पर सोशल मीडिया का उपयोग कर भ्रम फैलाने का प्रयास किया है।
Updated on:
04 Sept 2020 08:08 am
Published on:
04 Sept 2020 08:04 am
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