script63 दिन बिताने के बाद NASA के अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरे, 45 वर्षों में ऐसा पहला मौका | NASA astronauts landed at sea done for the first time in 45 years | Patrika News

63 दिन बिताने के बाद NASA के अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरे, 45 वर्षों में ऐसा पहला मौका

locationनई दिल्लीPublished: Aug 03, 2020 08:38:18 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

इससे पहले नासा (NASA) के अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई 1975 को अंतरिक्ष से पानी में लौटे थे।
डॉगल्स हर्ली (Douglas Hurley)और रॉर्बट बेहनकन ( Robert Behnken) शनिवार रात को रवाना हुए थे।

space-X capsule

स्पेस एक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए नासा के दो अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरे।

केप केनवरल। अमरीकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेस एक्स (Space-X) के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए नासा के दो अंतरिक्ष यात्री रविवार को समुद्र में उतरे। अंतरिक्ष में करीब दो माह यानी 63 दिन का समय बिताने के बाद ये अंतरिक्ष यात्री मैक्सिको की खाड़ी में उतरे। 45 वर्षों में ये पहला मौका था जब नासा का कोई अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरा। इसके साथ ही स्पेस एक्स के अगले अभियान का रास्ता भी साफ हो गया है।
अंतरिक्ष यात्रियों के वापस आने पर अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने धन्यवाद दिया। ट्वीट कर कहा, ‘दो महीने के सफल मिशन के बाद नासा के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौट आए हैं, सभी को धन्यवाद!’
https://twitter.com/AstroBehnken?ref_src=twsrc%5Etfw
एक दिन से भी कम समय में धरती पर पहुंच गए

परीक्षण उड़ान के पायलट डॉगल्स हर्ली (Douglas Hurley)और रॉर्बट बेहनकन ( Robert Behnken) शनिवार रात को ही अंतरराष्ट्रीय अतंरिक्ष केंद्र से धरती की ओर रवाना हुए थे। वे एक दिन से भी कम समय में धरती पर पहुंच गए। कंपनी के अभियान को नियंत्रण करने वाले सदस्यों ने कहा, “धरती पर वापस आने पर आपका स्वागत है और स्पेस एक्स उड़ाने के लिए धन्यवाद.’
ड्रैगन नामक कैप्सूल को चालक दल ने इंडिवर नाम दिया है

इससे पहले बताया गया कि ड्रैगन नामक कैप्सूल को चालक दल ने इंडिवर नाम दिया है। यह पृथ्वी की कक्षा से 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर आया। वायुमंडल में प्रवेश करते वक्त उसकी रफ्तार 560 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। आखिरकार 24 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मैक्सिको की खाड़ी में उतरा।
इस दौरान कैप्सूल का बाहरी तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।वायुमंडल में घर्षण के कारण कैप्सूल के बाहरी सतह के तापमान में इजाफा हुआ। पृथ्वी की ओर लौटते वक्त कैप्सूल पर चार से पांच गुना अधिक गुरुत्वाकर्षण बल का एहसास किया गया।
स्पेसएक्स का एक जहाज 40 कर्मचारियों सहित तैनात था

समुद्र में कैप्सूल के गिरने के बाद उसे बाहर निकालने के लिए स्पेसएक्स का एक जहाज 40 कर्मचारियों सहित तैनात था। इसमें डॉक्टर, नर्स आदि की एक टीम मौजूद थी। महामारी के कारण इन सभी सदस्यों की कोविड—19 की जांच कराई गई। इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में रखा गया।
चिकित्सा जांच के बाद अंतरिक्ष यात्री ह्यूस्टन के लिए उड़ान भरेंगे

स्पेसएक्स ने पल की पहले से तैयारी कर रखी थी। उन्होंने एक अनुमान के तहत कैप्सूल के उतरने और तत्काल कार्रवाई की योजना बना रखी थी। हर कार्य की सयम सीमा बांध रखी थी। फ्लाइट सर्जन के कैप्सूल मुआयने से लेकर कैप्सूल की जांच तक हर तरह की प्लानिंग की गई थी। चिकित्सा जांच के बाद अंतरिक्ष यात्री ह्यूस्टन के लिए उड़ान भरेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले नासा के अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई 1975 को अंतरिक्ष से पानी में लौटे थे।
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