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न्यूजीलैंड: शक होने पर पर्यटकों के फोन-लैपटॉप खंगाल सकती है सरकार, मना करने पर लगेगी ढाई लाख रुपए की चपत

Published: Oct 06, 2018 06:19:15 pm

Submitted by:

Shweta Singh

ये कानून सोमवार से लागू किया जा रहा है।

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न्यूजीलैंड: शक होने पर पर्यटकों के फोन-लैपटॉप खंगाल सकती है सरकार, मना करने पर लगेगी ढाई लाख रुपए की चपत

वेलिंग्टन। न्यूजीलैंड की यात्रा करना पड़ा अब मंहगा पड़ सकता है। हालांकि ये किराए में बढ़ोत्तरी या किसी शुल्क लागू होने से नहीं बल्कि एक नए नियम के कारण होगा। दरअसल वहां के कस्टम अधिकारियों ने एक नए नीति का ऐलान किया है, जिसके मुताबिक अधिकारी शक के आधार पर किसी भी यात्री से उसके फोन की जांच करने की मांग कर सकते हैं। अगर किसी ने इससे इनकार किया तो उसे जुर्माने के तौर पर करीब NZ$ 5,000 यानी 2.4 लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। ये कानून सोमवार से लागू किया जा रहा है।

फेसलॉक और फिंगरप्रिंट पासवर्ड आदि की भी मांग कर सकते हैं अधिकारी

कस्टम और उत्पाद शुल्क अधिनियम 2018 नाम के इस नए कानून के मुताबिक अधिकारियों को किसी भी संदिग्ध के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप आदि की जांच के लिए पासवर्ड, कोड या एन्क्रिप्शन कोड की जानने का अधिकार है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर अधिकारी फेसलॉक और फिंगरप्रिंट पासवर्ड आदि की भी मांग कर सकते हैं। अधिकारी शक की बिनाह पर जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं।

फोन में मौजूद डेटा की जाएगी कॉपी

मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा जा रहा है कि डिजिटल स्ट्रिप-सर्च (यानी उपकरणों की गहराई से जांच) के अंतर्गत अधिकारी पूर्वावलोकन, क्लोनिंग, या अन्य फोरेंसिक तरीकों की मदद से संदिग्ध यात्री के फोन में मौजूद डेटा की कॉपी, समीक्षा या मूल्यांकन भी कर सकते हैं।

ऐसे मामलों में हो सकती है जांच

लोगों के जहन में सवाल उठे कि किन परिस्थितियों में शक होने पर ये जांच की जा सकती है। कानून के मुताबिक जवाब अगर अधिकारियों का किसी व्यक्ति पर आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से लेकर किसी निषेध वस्तुओं के आयात या निर्यात की शंका होने पर इस तरह की जांच का सामना करना पड़ सकता है।

संयुक्त राज्य अमरीका में भी है ऐसा कानून

हालांकि इस कानून के पास होने से सभी खुश नजर नहीं आ रहे। लेकिन वहां की कस्टम मंत्री क्रिस फाफोई का कहना है कि ऐसे कानून वहां की सीमा सुरक्षा, व्यापार और यात्रा के लिए बेहद जरूरी है। बता दें कि इस तरह के डिजिटल जांच करने वाला न्यूजीलैंड इकलौता देश नहीं है। संयुक्त राज्य अमरीका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा एजेंटों के पास भी यात्रियों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की इस तरह के जांच के अधिकार है।

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