
मिलग्रोम और रॉबर्ट विल्सन।
वाशिंगटन। ऑक्शन थ्योरी (नीलामी सिद्धांत) में सुधार को लेकर अर्थशास्त्र के क्षेत्र में मिलग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। पुरस्कार समिति ने सोमवार को इस साल के छठे और अंतिम पुरस्कार विजेताओं का ऐलान किया।
पॉल आर मिलग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन, दोनों अमरीका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में काम करते हैं। इन्होंने नीलामी प्रक्रिया का अध्ययन कर नए तरीके विकसित किए हैं। उन्होंने ऐसी वस्तुओं और सेवाओं के लिए (जैसे कि रेडियो फ्रीक्वेंसी) नए नीलामी प्रारूपों की रूपरेखा तैयार की है। इन्हें वस्तुओं को पारंपरिक तरह से बेचना मुमकिन नहीं है। उनकी खोज से दुनियाभर के विक्रेता, खरीदार और करदाताओं काफी सुविधा हुई है।
क्या है नीलामी सिद्धांत
नीलामी सिद्धांत या ऑक्शन थ्योरी (Auction Theory) का उपयोग कर शोधकर्ता बोली लगाने व अंतिम कीमतों को लेकर विभिन्न नियमों और परिणामों को समझने का प्रयास करते हैं।
विल्सन ने एक सामान्य मूल्य वाली वस्तुओं की नीलामी के लिए सिद्धांत तय किए हैं। उनके अनुसार एक मूल्य जो पहले अनिश्चित होता है लेकिन अंत में सभी के लिए समान रहता है।
विल्सन ने अपने सिद्धांत के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया है कि तर्कसंगत बोली लगाने वाले क्यों अपने सामान्य मूल्य के सर्वश्रेष्ठ अनुमान से नीचे बोलियां लगाते हैं। वे विजेता होने के नुकसान को लेकर चिंतित होते हैं।
मिलग्रोम ने नीलामी का एक सामान्य सिद्धांत को बनाया जो न केवल सामान्य मूल्यों की अनुमति देता है। यह निजी मान बोली लगाने वाले के लिए अलग-अलग होता है।
Updated on:
12 Oct 2020 10:17 pm
Published on:
12 Oct 2020 10:06 pm
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