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नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर का दावा- टीकाकरण की वजह से बन रहे कोरोना के नए वेरिएंट

नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने कोरोना वैक्सीनेशन को ही नए वेरिएंट के पैदा होने की मुख्य वजह माना है

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नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्रियर

नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्रियर

नई दिल्ली। भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन अभियान ( Corona Vaccination ) जारी है। बावजूद इसके कोरोना संक्रमण तेजी के साथ अपने पांव पसारता जा रहे हैं, जिसके पीछे कोरोना के नए वेरिएंट ( Corona New variant ) को मुख्य वजह माना जा रहा है। लेकिन इस बीच नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर ( Nobel Prize Winner Luke Montagnier ) ने एक बड़ा दावा किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रोफेसर ल्यूक ने कोरोना वैक्सीनेशन को ही नए वैरिएंट के पैदा होने की मुख्य वजह माना है। प्रोफेस ल्यूक ने दावा किया है कि महामारी विज्ञानिकों को भी इसकी जानकारी है, बावजूद इसके उन्होंने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने इस घटना को एंटीबॉडी-डिपेंडेंट एनहैंसमेंट बताया है। आपको बता दें कि ल्यूक एक फा्रंस के वायरोलॉजिस्ट हैं, उनको 2008 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ल्यूक ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू के दौरान ये बड़े खुलासे किए। उन्होंने दावा किया है कि यह वैक्सीनेशन ही है, जिसकी वजह से नए-नए वैरिएंट पैदा हो रहे हैं। दरअसल, प्रोफेसर ल्यूप का इंटरव्यू पियरे बर्नेरियास द्वारा होल्ड-अप मीडिया पर लिया गया था। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। वीडियो में ही प्रोफेसर एक सवाल के जवाब में इस दावे को करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में प्रोफेसर ने इसको एक ऐसी वैज्ञानिक मेडिकल गलती बताया है, जिसको स्वीकार नहीं किया जा सकता। वह कह रहे हैं कि वैरिएंट कुछ और नहीं, बल्कि टीकाकरण का ही परिणाम है।

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वीडियो में प्रोफेसर कह रहे हैं कि हर देश में वैक्सीनेशन का ग्राफ कोरोना से होने वाली मौतों के ग्राफ के साथ-साथ चल रहा है। जिसका मैं करीबी से अनुसरण कर रहा हूं। आपको बता दें कि इससे पहले प्रोफेसर ल्यूक तब चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने पिछले साल कोरोना वायरस को एक लैब में पैदा होने का दावा किया था। हालांकि उस समय उनके इस बयान को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी।