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UN ECOSOC के समापन सत्र में PM Modi का मुख्य भाषण आज

जनवरी 2016 के बाद पीएम मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) फिर करेंगे ECOSOC के सत्र को संबोधित। कोरोना ( Coronavirus Pandemic ) काल के बाद की दुनिया और बदलते परिदृश्य पर होगी चर्चा। संयुक्त राष्ट्र ( United Nations ) की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर हो रहा है आयोजन।

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PM Modi will address high level segment of UN ECOSOC

PM Modi will address high level segment of UN ECOSOC

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के चुनाव के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) शुक्रवार 17 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (UN ECOSOC) सत्र के इस वर्ष के उच्च-स्तरीय सेगमेंट में मुख्य भाषण देंगे। संयुक्त राष्ट्र ( United Nations ) की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पर नॉर्वे के प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ( UN Secretary General Antonio Guterres ) के साथ पीएम मोदी समापन सत्र को संबोधित करेंगे।

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ECOSOC के वार्षिक उच्च-स्तरीय खंड में सरकार, निजी क्षेत्र, सिविल सोसायटी के उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों का एक विविध समूह शामिल है। इस वर्ष के उच्च-स्तरीय खंड की थीम- ‘COVID-19 के बाद बहुपक्षवाद: 75वीं वर्षगांठ पर हमें किस तरह के संयुक्त राष्ट्र की जरूरत है’ रखी गई है।

बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्‍य और कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के मौजूदा संकट काल को ध्‍यान में रखते हुए यह सत्र बहुपक्षवाद की दिशा तय करने वाली महत्वपूर्ण ताकतों पर फोकस करेगा। इसके साथ ही इस सत्र के दौरान सुदृढ़ नेतृत्व, प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों, सहभागिता में वृद्धि और वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के बढ़े हुए महत्व के जरिए वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाने के तरीकों का पता लगाया जाएगा।

यह आयोजन विशेष अहमियत इसलिए रखता है क्योंकि यह पहला अवसर होगा जब प्रधानमंत्री मोदी 17 जून 2020 को सुरक्षा परिषद ( United Nations Security Council ) के गैर-स्थायी सदस्य (2021-22 के कार्यकाल के लिए) के रूप में भारत को निर्विरोध चुने ( india in United Nations ) जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र की व्यापक सदस्यता को संबोधित करेंगे।

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संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर ‘ECOSOC’ के उच्च-स्तरीय खंड की थीम दरअसल भारत की सुरक्षा परिषद संबंधी प्राथमिकता के साथ भी प्रतिध्वनित होती है। इसमें भारत ने कोरोना वायरस के बाद की दुनिया में ‘पुनर्गठित बहुपक्षवाद’ का आह्वान किया है।

इस अवसर पर ECOSOC के सबसे पहले अध्यक्ष (वर्ष 1946 में सर रामास्वामी मुदलियार) के रूप में भारत की भूमिका को भी याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले जनवरी 2016 में ECOSOC की 70वीं वर्षगांठ पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्य भाषण दिया था।

इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को भारत-ईयू शिखर सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी साझेदारी विश्व में शांति और स्थिरता के लिए उपयोगी है। इसके साथ ही यह वास्तविकता आज की वैश्विक स्थिति में और भी स्पष्ट हो गई है।

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शिखर सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोप में कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए नुकसान पर संवेदना व्यक्त की। फिर पीएम मोदी ने भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों को गहराई प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताते हुए दोनों के बीच एक कार्रवाई उन्मुख एजेंडा बनाने पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने कहा, "हम दोनों ही लोकतंत्र, बहुलवाद, समावेशिता, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का सम्मान, बहुपक्षीय स्वतंत्रता, पारदर्शिता जैसे विश्वव्यापी मूल्यों को साझा करते हैं। ऐसे में भारत-ईयू साझेदारी, आर्थिक पुनर्निर्माण में और एक मानव-केंद्रित और मानवता-केंद्रित ग्लोबलाइजेशन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।"