
नई दिल्ली।
सियासी खींचतान के बीच सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को हुई पार्टी की बैठक में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड की ओर से 19 पन्नों की राजनीतिक रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी।
बालुवातार के पीएम आवास पर हुई बैठक की शुरुआत होते ही ओली ने आरोपों के जवाब में राजनीतिक दस्तावेज पेश करने के लिए 10 दिन का वक्त मांग लिया।
प्रचंड सहित पार्टी के कई नेताओं के आरोप हैं कि ओली बिना पार्टी से परामर्श किए मनमाने तरीके से फैसले कर रहे हैं। अब ओली 28 नवंबर को होने वाली बैठक में अपनी सफाई में दस्तावेज पेश करेंगे। पार्टी के आंतरिक मतभेद तब जगजाहिर हो गए थे जब प्रचंड, माधव कुमार सहित पार्टी के कई नेताओं ने ओली से इस्तीफा मांग लिया था वहीं ओली ने पार्टी के नेताओं पर अपनी सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाया।
बढ़ता जा रहा चीन का दखल
नेपाल की राजनीति में चीन का दखल बैठक से एक दिन पहले नेपाल में चीनी राजदूत हाओ यांकी ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की। सीपीएन के एक सदस्य के अनुसार वे ओली से मिलने उनके आवास पर गईं और पार्टी में मतभेद को लेकर दोनों में राजनीतिक चर्चा हुई।
Published on:
20 Nov 2020 12:18 pm
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