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Astrazeneca की कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल पर लगी पाबंदी, परीक्षण के दौरान बीमार पड़ा शख्स

Highlights एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने सुरक्षा कारणों के कारण इस वैक्सीन पर रोक लगाई है। परीक्षण पर रोक लगने के बाद एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के कई और परीक्षण भी प्रभावित हुए हैं।

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AstraZeneca

एस्ट्राजेनेका ने रोका ट्रायल।

वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच सबकी उम्मीदें अमरीका (America) की एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) कंपनी पर थी। माना जा रहा था कि कंपनी जल्द कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार कर लेगी। मगर कंपनी को तगड़ा झटका लगा है। एस्ट्राजेनेका ने अपने अंतिम चरण के वैक्सीन ट्रायल पर पाबंदी लगा दी है।

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि परीक्षण के दौरान एक व्यक्ति बीमार पड़ गया। जिसके बाद परीक्षण को रोक दिया गया। बयान में कहा गया कि परीक्षण में शामिल व्यक्ति की हालत ठीक नहीं है। इस पर समीक्षा के बाद परीक्षण को रोक दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने सुरक्षा कारणों के कारण इस वैक्सीन पर रोक लगाई है। कंपनी की तरफ इस पर निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि आखिरी चरण में एक प्रतिभागी पर दवा का प्रतिकूल प्रभाव देखा गया। ऐसे में इस पर रोक लगाई गई। माना जा रहा था कि वो कोरोना से लड़ने में कारगार हथियार होगी।

एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि वैक्सीन के मानक की समीक्षा करने की अनुमति देने के लिए इसके ट्रायल पर रोक लगाई गई है। यह अध्ययन विभिन्न स्थलों पर एस्ट्राजेनेका और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड-19 वैक्सीन पर आधारित है।

रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन के परीक्षण पर रोक लगने के बाद एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के परीक्षण प्रभावित हुए हैं। इसके साथ वैक्सीन निर्माताओं द्वारा किए जा रहे क्लिनिकल ट्रायल पर भी असर पड़ा है। अब वे इस तरह के संकतों की तलाश में होंगे ताकि वैक्सीन के उचित प्रभाव को समझा जा सके।

एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता के अनुसार वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव के कारण किसी को भी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इसे जांचने के लिए समीक्षा की जानी चाहिए।

फिलहाल, एस्ट्राजेनेका कर तरफ ये अब तक कोई भी टिप्पणी सामने नहीं आई है। नौ प्रमुख अमरीकी और यूरोपीय वैक्सीन डेवलपर्स ने मानकों को बनाए रखने का संकल्प किया। उन्होंने कहा कि मानकों पर खरा उतरने के बाद ही इस तरह की वैक्सीन को बाजार में लाया जाएगा।