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रूस ने नाकामी के बावजूद हार नहीं मानी, दोबारा उन्हीं यात्रियों को अंतरिक्ष भेजेगा

Published: Oct 13, 2018 09:54:14 am

Submitted by:

Mohit Saxena

अगली गर्मियों में अंतरिक्ष में जाने की संभावना, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने अंतरिक्ष यात्री ओवचिनिन और हेग के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की

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रूस ने नाकामी के बावजूद हार नहीं मानी, दोबारा उन्हीं यात्रियों को अंतरिक्ष भेजेगा

मॉस्को। अतंरिक्ष यान सोयुज की नाकामी के बाद रूस ने प्रण लिया है कि वह इन्हीं यात्रियों को सफलतापूर्वक दोबारा भेजेगा।रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि उनके अंतरिक्षयात्री एलेक्सी ओवचिनिन और अमरीकी अंतरिक्षयात्री निक हेग के यान के अचानक नाकाम होने के बाद अब अगली गर्मियों में उनके अंतरिक्ष में जाने की संभावना है। रॉस्कोसमोस प्रमुख दमित्री रोगोजीन ने टि्वटर पर कहा कि ये लोग निश्चित ही जाएंगे।
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ओवचिनिन और हेग के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की

दमित्री रोगोजीन ने ओवचिनिन और हेग के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की। उन्होंने कहा कि वे अगले साल गर्मियों के लिए उनकी उड़ान की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये लोग मॉस्को के बाहर स्थित स्टार सिटी अंतरिक्ष प्रशिक्षण केंद्र लौट आए हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को कजाकिस्तान के बैकोनुर अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने के बाद सोयुज रॉकेट नाकाम हो गया,लेकिन दोनों अंतरिक्षयात्री बाल-बाल बच गए।
रूस के इतिहास में यह पहली ऐसी दुर्घटना

सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस के इतिहास में यह पहली ऐसी दुर्घटना है। इस हफ्ते नासा के प्रशासक जिम ब्रिटेनस्टीन रूस और बैकोनुर की यात्रा पर हैं,इसी बीच यह नाकाम प्रक्षेपण हुआ। सोयुज रॉकेट को सोवियत रूस ने डिजाइन किया था। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के कामकाज के लिए सोयुज ही एकमात्र विकल्प है। इसके वहां नहीं पहुंचने से प्रयोगशाला का कामकाज प्रभावित होगा। इस दुर्घटना के बाद सभी मानवयुक्त प्रक्षेपणों को स्थगित कर दिया गया है और एक आपराधिक जांच शुरू की गई है।अंतरिक्ष अभियान के नाकाम होने की रूसी मीडिया ने आलोचना की है।
वहीं, क्रेमलिन समर्थक इजवेस्तीया अखबार ने इस बात का जिक्र किया है कि इस दुर्घटना से यह साबित हुआ है कि सोयुज में एक भरोसेमंद बचाव प्रणाली नहीं है, जो 1986 में तैयार की गई थी। सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में इस तरह के दो मानवयुक्त नाकाम अभियान हुए थे। हालांकि, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने सोवियतकालीन सोयुज रॉकेटों के विश्वसनीयता पर भरोसा जताया है।
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