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Sputnik V- Vaccine के उत्पादन के लिए भारत को चुन सकता है रूस, बड़ी साझेदारी की उम्मीद

locationनई दिल्लीPublished: Aug 21, 2020 09:31:51 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दमित्रिएव ये संकेत दिए हैं।
रूस के राष्टपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का दावा है कि उसने दुनिया का पहला कोविड-19 टीका तैयार कर लिया है।

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भारत को ‘स्पूतनिक V’ के उत्पादन के लिए चुन सकता है रूस।

नई दिल्ली। कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन को सबसे पहले मंजूरी देने वाला देश रूस अब भारत के साथ साझेदारी की कोशिश में लगा है। इसके उत्पादन को लेकर उसने भारत से बातचीत शुरू कर दी है। रूस का कहना है कि भारत के पास बड़े पैमाने पर ‘स्पूतनिक V’ (Sputnik V) के उत्पादन की क्षमता है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दमित्रिएव ने गुरुवार को कहा कि रूस कोविड-19 के टीके ‘स्पूतनिक V’ के उत्पादन को लेकर भारत के साथ साझेदारी पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिसके के पास बड़े प्रोडक्शन का लंबा अनुभव है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने घोषणा कर सबको चौंका दिया था कि रूस ने दुनिया का पहला कोविड-19 टीका तैयार कर लिया है। ये काफी प्रभावी तरीके से काम कर रहा है और इस बीमारी के खिलाफ स्थिर प्रतिरक्षा देता है। ‘स्पूतनिक V’ का विकास गामालेया महामारी रोग और सूक्ष्मजीव विज्ञान शोध संस्थान और RDIF मिलकर कर रहे हैं। इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण अभी तक नहीं हुआ है। इसके बावजूद इसे रूस में मान्यता मिल गई है।
एक ऑनलाइन प्रेसवार्ता को संबोधित कर दमित्रिएव ने कहा कि लैटिन अमरीकी, एशिया और पश्चिम एशिया के कई देश टीके के उत्पादन को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘इस टीके का उत्पादन बेहत जटिल और अहम मुद्दा है और फिलहाल हमें भारत के साथ साझेदारी की उम्मीद है।’ दरअसल इस टीके की डिमांड पूरे विश्व में बहुत अधिक है। ऐसे में टीके के उत्पादन को लेकर ये एक अहम समझौता होगा। दमित्रिएव ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय सहयोग की उम्मीद कर रहा है।
उन्होंने दुनियाभर के मीडिया कर्मियों को संबोधित कर कहा, ‘हमने व्यापक रिसर्च किया है और क्षमताओं का विश्लेषण किया है। इसके बाद परिणाम में ये सामने आया है कि भारत, ब्राजील, दक्षिण कोरिया और क्यूबा जैसे देशों के पास अत्यधिक उत्पादन की क्षमता है।’

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