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रूस: Coronavirus के इलाज के लिए UV लाइट पर हो रहा शोध, कभी Donald Trump ने दिया था ये नुस्खा

Highlights इस परियोजना को luminous gas नाम दिया गया है, इसके जरिए मरीजों को डिसइन्फेक्शन किया जाएगा। अभी तक शरीर के अंदर UV डिसइन्फेक्शन नहीं किया जा सका है और एजेंसी ने इसे करने का तरीका खोज लिया है।

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russsia

UV लाइट से कोरोना का इलाज करने की कोशिश।

मॉस्को। रूस के वैज्ञानिक कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज के लिए अल्ट्रावॉइलट (UV) की रोशनी पर काम कर रहे हैं। इसके जरिए मरीजों को डिसइन्फेक्शन किया जाएगा। स्टेट न्यूक्लियर एजेंसी के Rosatom आंद्रे गोवडोस्की के अनुसार इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिक्स एंड पॉवर इंजिनियरिंग कोरोना वायरस के साथ-साथ कई वायरसों से निपटने पर काम कर रहे हैं। इस परियोजना को luminous gas नाम दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि यह आइडिया अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था तो लोग हैरान रह गए थे।

डिसइन्फेक्शन का तरीका

आंद्रे के अनुसार अभी तक शरीर के अंदर UV डिसइन्फेक्शन नहीं किया जा सका है और एजेंसी ने इसे करने का तरीका खोज लिया है। उन्होंने बताया कि इलाज के लिए ऐसे मॉलिक्यूल और गैसों के कणों को चुनते हैं, जिन्हें सांस के साथ अंदर लेने पर वे सीधे फेफड़ों में जाकर अल्ट्रवॉइलट लाइट छोड़ते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कोरोना के साथ ट्यूबरकुलोसिस और कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों में इसका उपयोग किया जा सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था आइडिया

शरीर के अंदर UV लाइट के इस्तेमाल से डिसइन्फेक्शन का विचार सबसे पहले अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में दिया था। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि मान लेते हैं कि हम शरीर को ऐसे ही अल्ट्रावॉइलट या पावरफुल लाइट से स्ट्राइक करें, तो इसका असर क्या होगा। अभी इसे चेक नहीं किया गया है, और मैंने कहा कि लाइट को शरीर के अंदर पहुंचाया जाए, स्किन या किसी और तरीके से से और आपने कहा कि आप उसे टेस्ट करेंगे, यह काफी इंट्रेस्टिंग है।' इस आइडिया पर ट्रंप का काफी मजाक उड़ा था।

गर्मी से इसका खास संबंध

एक शोध् के अनुसार 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और नमी, सतहों पर वायरस के जिंदा रहने की अवधि को आधा कर देती है। 18 घंटों तक जीवित रह सकने वाले इस वायरस को चंद मिनटों में बेकार किया जा सकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषय पर गृह सुरक्षा मंत्रालय के अवर मंत्री बिल ब्रायन के अनुसार जब वायरस धूप के संपर्क में आता है और तापमान 75 डिग्री तथा नमी का स्तर 80 डिग्री से ऊपर रहता है तो यह वायरस मिनटों में मर सकता है।