
नई दिल्ली। आज का जमाना विज्ञान का है। आजकल हर असंभव को विज्ञान संभव कर देता है। अब आप इसे ही ले लीजिए जहां वैज्ञानिक मकड़ी के जालों से मधुमेह की दवा बनाने जा रहे है। सुनने में ये भले ही अजीब लगे लेकिन ये बात बिल्कूल सच है। इससे टाइप 1 डायबिटीज़ पर नियंत्रण किया जा सकेगा। जैसा कि हम जानते है कि टाइप 1 मधुमेह के रोगियों को रोजाना इन्सुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है जिसका कि उनके स्वास्थ्य पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। टाइप 1 मधुमेह में शरीर में स्थित पाचन तंत्र अग्नाशय में कोशिकाओं का गुच्छा बनाने वाले इंसुलिन को खत्म कर देता है। हम सभी ये भी जानते है कि मधुमेह का कोई स्थायी इलाज नहीं है। लेकिन हाल ही में ये सुनने में आया कि अमेरिका में स्थित कॉर्नल यूनिवसिर्टी के शोधकर्ताओं ने एक मरीज के शरीर में हजार सेल्स के गुच्छे को प्रतिरोपित करने का एक अनोखे तरीके का आविष्कार किया है।
इन कोशिकाओं पर हाइड्रोजेल की एक बहुत ही पतली सी झिल्ली होती है और ये कोशिकाएं पॉलिमर धागे की सहायता से एक दूसरे से जुड़ी होती है। जब ये कोशिकाएं इस्तेमाल करने लायक नहीं होती है तो उन्हें हटाना जरूरी होता है नहीं तो ये बाद में ट्यूमर का आकार ले सकती है। कॉर्नल विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर मिनग्लिन का इस बारे में कहना है कि इंसान अपने शरीर में ऐसा कुछ नहीं रखना चाहता जिसका कि वो इस्तेमाल नहीं कर सकें। ये कोशिकाएं जब मर जाती है तो उन्हें बाहर निकालना बहुत जरूरी होता है। हमारी पद्धति ये काम बहुत ही आसानी से कर पाएगी। प्रोफेसर का ये भी कहना है कि उन्हें इस कार्य की प्रेरणा मकड़ी के जाल पर स्थित पानी की बूंदों से मिला। खैर हमें तो बस इस बात का ही इंतज़ार रहेगा कि ये प्रकिया जल्द से जल्द मरीजों के लिए उपलब्ध हो और उन्हें इस रोग से छूटकारा मिलें।
Published on:
03 Jan 2018 06:07 pm
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