गौरतलब है कि ईरान के रिवोलूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के अमरीकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद से तनाव की स्थिति उत्पन्न है। बीते साल बारुदी सुरंग विस्फोटों में तेल टैंकरों पर हमला किया गया था, जिसके लिए अमरीका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।
नए जनरल ने लिया बदले का संकल्प
कासिम सुलेमानी की अमरीकी हमले के मौत के बाद से ईरान में पल-पल परिस्थितियां बदल रही हैं। सुलेमानी का पद संभालने वाले जनरल इस्माइल गनी ने अमरीका से बड़ा बदला लेने का संकल्प लिया है। इस बीच देश की संसद ने अमरीकी सेना को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में मतदान किया। वहीं सुलेमानी की बेटी ने जनाजे के दौरान ही अमरीका को खुलेआम धमकी दी कि अब अमरीकी सैनिक अपनी मौत के इंतजार में दिन गिनेंगे।
ईरानी संसद में अमेरिका-इजरायल के विरोध में नारे
अमरीका के हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान में भारी गम और गुस्से का माहौल छाया हुआ है। इस बीच देश की संसद ने अमरीकी सेना और पेंटागन को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में वोटिंग की है। ईरानी मीडिया के अनुसार, बिल पास करने से पहले अमरीका और इजरायल की निंदा की।
कोम की मस्जिद पर लाल झंडा
कोम शहर की जानीमानी मस्जिद पर रविवार को लाल झंडा फहराया गया। इसका प्रसारण ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर दिखाया गया। यह लाल रंग का झंडा लहू और बदले का प्रतीक है। इसका संकेत है कि ईरान ने अमरीका के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है।
गौरतलब है कि अमरीका ने ड्रोन से हमला करके बगदाद में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने बदले की धमकी दी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ईरान की 52 सांस्कृतिक जगहों पर पूरी तरह से नष्ट्र कर देगा। दरअसल 1979 में ईरान ने अमरीका के 52 नागरिकों को बंधक बना लिया था। इसके बाद से दोनों के बीच काफी तनाव था।