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हाई स्पीड इंटरनेट के लिए अंतरिक्ष पर निशाना, SpaceX ने एक साथ भेजे 60 स्टारलिंक सैटेलाइट

locationनई दिल्लीPublished: Nov 15, 2019 06:17:21 pm

हजारों सैटेलाइट्स का जाल बनाकर हाई स्पीड इंटरनेट देने पर काम।
हाईटेक ढंग से डिजाइन एक सैटेलाइट का वजन 260 किलोग्राम।
एलन मस्क की कंपनी SpaceX जारी रखेगी सैटेलाइट भेजने का सिलसिला।

Space X Starlink Satellites Launch
फ्लोरिडा। एलन मस्क के स्पेस एक्स (SpaceX) ने इस सप्ताह पृथ्वी की निचली कक्षा में 60 और स्टारलिंक सैटेलाइट भेजे। एक साथ इतने सारे सैटेलाइट्स भेजने के पीछे कंपनी की मंशा स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस को वर्ष 2020 के मध्य में अमरीका और कनाडा में पेश करने की योजना को पूरी तरह तैयार करना है। इसके बाद कंपनी वैश्विक इंटरनेट सेवा मुहैया कराने पर काम करेगी।
सोमवार को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल एयरफोर्स स्टेशन में SpaceX फैल्कन 9 रॉकेट को लॉन्च किया गया। यह उत्तरी अमरीका में इंटरनेट कवरेज देने के लिए जरूरी 6 में से पहला लॉन्च था। यह फैल्कन 9 का दूसरा लॉन्च था जिसमें 60 मिनी स्टारलिंक सैटेलाइट्स का पेलोड भेजा गया। इस लॉन्च के बाद अब SpaceX के अंतरिक्ष में 160 स्टारलिंक सैटेलाइट्स पहुंच गए हैं।
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मई में SpaceX ने पहले 60 प्रोडक्शन डिजाइन स्टारलिंक सैटेलाइट्स भेजे थे। जबकि फेडरल कम्यूनिकेशंस कमिशन ने स्टारलिंक को अंतरिक्ष में 12,000 सैटेलाइट्स भेजने की अनुमति दी हुई है। संभवता एक दिन स्टारलिंक के पास 30,000 सैटेलाइट्स काम कर रहे होंगे।
https://twitter.com/SpaceX/status/1193921194707128320?ref_src=twsrc%5Etfw
SpaceX के संस्थापक और चीफ एग्जीक्यूटिव एलन मस्क हर जगह हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस मुहैया कराने के लिए हजारों स्टारलिंक सैटेलाइट्स पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करना चाहते हैं। इस संबंध में एलन मस्क ने कहा कि SpaceX को उत्तरी अमरीका में छोटा कवरेज देने के लिए 400 जबकि मध्यम कवरेज देने के लिए करीब 800 सैटेलाइट्स की जरूरत है।
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बताया जा रहा है कि यह रॉकेट कंपनी 24 और लॉन्च के बाद ग्लोबल स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने के लिए सक्षम हो जाएगी। तब तक उत्तरी अमरीका में इसकी सेवाएं शुरू होने की योजना है। 30 लॉन्च के साथ SpaceX के पास 1800 स्टारलिंक सैटेलाइट्स हो जाएंगे।
क्या है स्टारलिंक सैटेलाइट

यह एक कॉम्पैक्ट सैटेलाइट है, जिसका वजन 260 किलोग्राम है। इसमें ऊर्जा के लिए सोलर सिस्टम, गतिशील रहने के लिए आयन थ्रस्टर प्रपलसन सिस्टम, सही दिशा में चलने के लिए नेविगेशन सेंसर्स लगे हुए हैं। जबकि पृथ्वी पर इंटरनेट मुहैया कराने के लिए इस सैटेलाइट में चार दमदार एंटीना भी लगे हैं। सोमवार को भेजे गए सैटेलाइट्स को पृथ्वी से 280 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद कक्षा में स्थापित किया गया है।
https://twitter.com/SpaceX/status/1193907618575552514?ref_src=twsrc%5Etfw
SpaceX की योजना

कंपनी ने वादा किया है कि वो ऐसे क्षेत्रों में तेज और भरोसेमंद इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगी, जहां पर काफी कम या बिल्कुल भी इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है। इनमें तमाम ग्रामीण इलाके भी शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट की मानें तो अमरीका में 16.20 करोड़ लोगों, जिनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में हैं, के पास ब्रॉडबैंड स्पीड नहीं है।
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स्पेशल रॉकेट कई बार इस्तेमाल किए जाने लायक

SpaceX ने इन स्टारलिंक सैटेलाइट्स को भेजने के लिए जिन बूस्टर्स (रॉकेट्स) का इस्तेमाल किया है, उन्हें कई बार प्रयोग में लाया जा सकता है। कंपनी द्वारा की गई लॉन्चिंग के दौरान बताया गया था कि इन बूस्टर्स को ऐसे डिजाइन किया गया है कि इन्हें 10 बार प्रयोग किया जा सके। यानी यह रॉकेट अंतरिक्ष में सैटेलाइट छोड़ने के बाद वापस पृथ्वी पर बने प्लेटफॉर्म पर लैंड कर जाते हैं।
https://twitter.com/SpaceX/status/1193906242680311808?ref_src=twsrc%5Etfw
लागत में कमी के लिए अनोखी योजना

कैलीफोर्निया की यह कंपनी रॉकेट के हिस्सों को दोबारा इस्तेमाल करती है ताकि लागत में कमी आ सके। क्रिप्टन की ऊर्जा से चलने वाले थ्रस्टर्स वाले इन रॉकेट के सबसे ऊपरी हिस्से (नोज) में ही सैटेलाइट को रख दिया जाता है।
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खराब होने पर खुद जल जाएगा सैटेलाइट

कंपनी ने इन सैटेलाइट्स को इस तरह डिजाइन किया है कि अगर इनमें कोई खराबी आती है तो यह वातावरण में बिना नुकसान पहुंचाए खुद जल जाएगा। इसके साथ ही हर सैटेलाइट में अंतरिक्ष के कूड़े-कबाड़ से खुद को बचाने के लिए भी विशेष सिस्टम फिट किया गया है।
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