
नासा की मदद से स्पेस एक्स का रॉकेट लॉन्च हुआ।
फ्लोरिडा। एलोन मस्क (Elon Musk) की स्पेस एक्स (Space X) कंपनी द्वारा डिजाइन और निर्मित रॉकेट ने नासा के अंतरिक्ष यात्रियों Astronauts के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ISS के लिए उड़ान भरी। मिशन को 27 मई को लॉन्च किया जाना था लेकिन अंतिम समय में मौसम खराब होने के कारण इसमें देरी हुई।
यह नौ साल बाद पहली बार है जब नासा ने 2011 में अपने अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम को बंद कर दिया था। यह भी पहली बार है कि किसी निजी अंतरिक्ष यान कंपनी ने अपने रॉकेट का इस्तेमाल इंसानों को अंतरिक्ष लेने जाने के लिए किया हो।
फ्लोरिडा के केप कनवरल में जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर से NASA SpaceX Launch को पूरा किया गया। यह पहली बार होगा जब अमरीका ने अपनी धरती से अंतरिक्ष में भेजे हैं। नासा के ऐडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेनस्टीन ने इस लॉन्चिग के सारी जानकारी दी है। चांद पर जाने के लिए पृथ्वी से पहली उड़ान इसी सेंटर ने रखी थी।
अमरीकी समय के मुताबिक शनिवार दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर रॉकेट को लॉन्च किया गया। दोनों अंतरिक्ष यात्री सभी तैयारियों के साथ SpaceX रॉकेट में सवार हुए। इससे पहले बुधवार को खराब मौसम की वजह से इस लॉन्चिंग को टालना पड़ा था।
रूस के Soyuz की मदद ली जाती थी
Elon Musk की कंपनी SpaceX का रॉकेट अंतरिक्ष यात्री Robert Behnken और Douglas Hurley को ISS तक ले जाने के लिए ये लॉचिंग की गई। ये सफर 19 घंटे का होगा। इसे लेकर इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (ISS) पहुंचेंगे। 2011 के बाद यह पहला मौका है जब अमरीकी अंतरिक्ष यात्री अपनी ही मिट्टी से स्पेस में भेजे गए हैं। इससे पहले रूस के Soyuz की मदद ली जाती थी।
जेएफ केनेडी स्पेस सेंटर ने इससे पहले कई लॉचिंग की है। चांद पर जाने वाला Apollo, मंगल पर जाने वाला Mariner और भारतीय मूल की ऐस्ट्रनॉट कल्पना चावला को ले जाने वाला शटल Columbia भी यहीं से लॉन्च किया गया था।
Updated on:
31 May 2020 09:07 am
Published on:
31 May 2020 09:02 am
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