
नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदुओं के ऐतिहासिक मंदिर कटास राज से भगवान राम और हनुमान की मूर्तियों के गायब होने पर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट खासा नाराज़ है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में हुई इस घटना की गहरी चिंता जताई। आपको बता दें मंदिर परिसर में पवित्र सरोवर के सूखने पर खुद संज्ञान लेने के बाद सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस साकिब निसार ने यह सवाल उठाया कि, 'क्या अधिकारियों के पास मूर्तियां हैं या उन्हें हटा दिया गया है?' चीफ जस्टिस निसार ने मीडिया में आई इन खबरों के बिनाह पर इस मुद्दे को उठाया कि कटास राज सरोवर सूख रहा है क्योंकि पास की सीमेंट फैक्ट्रियां हैं जिसके कारण कई बोरवेल के ज़रिए बड़ी मात्रा में पानी खींचा जा रहा है जिससे जमीन के अंदर का जलस्तर कम होता जा रहा है, जो की एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है।
पाकिस्तानी मीडिया की एक खबर के अनुसार मंगलवार की सुनवाई के समय, चीफ जस्टिस निसार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने क्षेत्र में सीमेंट फैक्ट्रियों को 'विध्वंसकारी' बताया और मंदिर के पास स्थित फैक्ट्रियों की सूची बताने को कहा। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि मंदिर के पास बेस्ट वे सीमेंट फैक्ट्री चकवाल, गरीब वॉल फैक्ट्री और डीजी खान सीमेंट सहित कई अन्य फैक्ट्रीयां हैं। साथ ही साथ ही पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में किसी भी निचली अदालत में मंदिर से जुड़ी याचिका की सुनवाई पर रोक लगा दी है।
इस मसाले में इवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड के वकील ने वहां के पूर्व चेयरमैन आसिफ हाशिमी को मौजूदा स्थिति के लिए जवाबदेह ठहराया। वह कहते हैं कि आसिफ हाशिमी ने अपने कार्यकाल के दौरान लाखों रुपये कमाए और बाद में वह देश से फरार हो गए। लिहाजा जस्टिस निसार ने यह सवाल पूछा कि अभी तक उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव और विदेश सचिव को जवाब देने के लिए तलब किया है। जिसके बाद तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार तक सुनवाई टाल दी। इसके साथ ही तीन जजों की पीठ ने इस इलाके में मौजूद सीमेंट की फैक्ट्री को विनाशकारी बताते हुए उसके मालिकों और अन्य कारखानों के बारे में जानकारी भी मांगी है।
Published on:
13 Dec 2017 08:51 am
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