
नई दिल्ली। सूडान की राजधानी खार्तूम इन दिनों हिंसा की आग में जल रही है। यहां सुरक्षाबलों ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई की। इस हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या दो दिनों में 60 के पार पहुंच गई है। यही नहीं, सुरक्षाबलों की सख्ती में 300 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। इस बारे में सेंट्रल कमेटी ऑफ सूडान डॉक्टर्स (CCAD) ने बुधवार को जानकारी दी है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
कमेटी ने इसके साथ ही यह भी आशंका जताई है कि इस हिंसा में मरनेवालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। आपको बता दें कि खार्तूम में सेना मुख्यालय के बाहर हफ्तेभर से धरना-प्रदर्शन जारी है। CCAD के मुताबिक इससे पहले सोमवार को हुई कार्रवाई के बाद 40 लोगों की जान गई थी। इस हिंसा का एक वीडियो भी सामने आया। इसमें धुआं और दहशत साफ दिखाई दे रहे था। सेना खार्तूम में विपक्षी धरने को काबू करने की कोशिश में हिंसक होती देखी गई।
इस तरह भड़की हिंसा
मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक, यह हिंसा उस वक्त भड़की जब ट्रांजिशनल मिलिट्री काउंसिल (TMC) बलों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम गोलीबारी की। गौरतलब है कि बीते अप्रैल से यह प्रदर्शनकारी सेना मुख्यालय पर कब्जा जमाए हुए हैं। उस दौरान इन प्रदर्शनकारियों ने 30 सालों से सत्ता पर बैठे राष्ट्रपति अल बशीर को हटाने के लिए सेना को सफलतापूर्वक मजबूर कर दिया था। हालांकि, इसके बाद से ये सभी मांग कर रहे हैं कि सत्ता संभालने वाले जनरल असैन्य हाथों में सत्ता की कमान सौंपे। तभी से प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि सेना से इस बारे में लगातार वार्ता करते हुए इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि हर तीन साल में चुनाव आयोजित कराए जाएंगे।
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वादे से पलट गई सेना
हालांकि सोमवार को अचानक ही सुरक्षाबलों ने इन प्रदर्शकरियों को सेना मुख्यालय छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद मंगलवार को TMC नेता जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहन ने ये भी ऐलान किया कि पिछले सभी समझौते रद्द किए जा रहे हैं और नौ महीने के भीतर चुनाव कराए जाएंगे। बता दें कि प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि चुनाव कराने में और अधिक समय का अंतराल हो ताकि पिछली सरकार के सभी कनेक्शन खत्म हो सके और एक निष्पक्ष चुनाव का आयोजन कराया जा सके।
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हिंसा की वैश्विक आलोचना
सूडान में पिछले 7 महीनों से हिंसक प्रदर्शन और अशांति का दौर जारी है। वहां की सेना अपने इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेल रही है। इस बीच जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस हिंसा की निंदा करने की कोशिश की तो चीन ने इस प्रयास को बाधित कर दिया जबकि रूस ने इसे समर्थन दिया। इसी बीच मंगलवार को UNSC में सूडान संकट को लेकर बैठक की जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का बयान
बैठक से पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हिंसा की आलोचना की। उन्होंने एक बयान में कहा कि सुरक्षाबलों की ओर से अस्पताल में गोली चलाए जाने की घटना के बारे में सुनकर वह शॉक में हैं। गुटेरेस ने इसके साथ ही हिंसा में गए लोगों की जान के बारे में स्वतंत्र जांच कराने की भी मांग की है।
Updated on:
06 Jun 2019 11:09 am
Published on:
05 Jun 2019 07:08 pm
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