scriptLockdown न करने की भूल ने Sweden को खतरे में डाला, दर्ज की गई विश्व में सबसे अधिक मृत्यु दर | Sweden Acknowledges Its No Lockdown Corona Virus Strategy Gone Wrong | Patrika News

Lockdown न करने की भूल ने Sweden को खतरे में डाला, दर्ज की गई विश्व में सबसे अधिक मृत्यु दर

locationनई दिल्लीPublished: Jun 07, 2020 10:31:44 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

अब तक संक्रमण के 43,887 मामले और उससे 4,656 मौतें हुई हैं, Coronavirus से निपटने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए।
स्वीडन (Sweden) के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंडर्स टेगनेल ने एक इंटरव्यू में कहा कि संक्रमण का सबसे अधिक असर बुजुर्गों पर पड़ा है।

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स्वीडन में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले।

स्कॉकहोम। स्वीडन (Sweden) में लगातार कोरोना वायरस (Coronavirus) से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। यहां पर अब तक संक्रमण के 43,887 मामले और उससे 4,656 मौतें हुई हैं। इस छोटे से यूरोपीय देश (European country) में कोरोना के इतने मामले दर्शाते हैं कि यहां पर सरकार की ओर से संक्रमण से निपटने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए। स्वीडन में शुरूआत से ही लॉकडाउन में ढील दी गई है। एक करोड़ की आबादी वाले देश में कोविड-19 से लड़ने के लिए विचित्र रणनीति बनाई गई।
नाम मात्र का लॉकडाउन (Lockdown) लागू किया गया। सभी स्कूल खुले रहे। बार और रेस्त्रां में लोगों की पूरी चहल देखने को मिली। पार्क में नागरिकों का जमावड़ा लगा रहा। सरकार की ओर से उन तमाम गाइडलाइंस पर लापरवाही वाला रवैया अपनाया गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी किए गए थे। अब इसका पछतावा खुद वहां के नीति निर्माताओं को हो रहा है।
स्वीडन के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंडर्स टेगनेल ने एक इंटरव्यू में माना कि उन्होंने देश में लॉकडाउन नहीं करने की सलाह देकर बड़ी गलती की है। इस गलती से कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे कई मौतें हुईं। दरअसल,बीते एक महीने में स्वीडन में कोरोना से मौतों की दर दुनिया में सबसे ज्यादा बताई गई है। उन्होंने कहा कि देश ने जो किया उस पर विचार किया जाएगा। मगर वह मानते हैं कि बुजुर्ग लोगों पर सरकार को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यता थी। सबसे अधिक वे ही कोरोना के शिकार हुए हैं।
टेगनेल स्वीडन के स्टेट एपिडेमियोलॉजिस्ट और कोरोना मामलों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर दुनिया ने जो किया और हमने जो किया, उस पर मंथन किया जाएगा। हमने जो भी किया, उसमें बहुत सुधार की आवश्यता है। टेगनेल ने अप्रैल माह में कहा था कि लॉकडाउन में कोरोना से ज्यादा मौतें घर में होंगी। क्योंकि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता।
स्वीडन के शुरूआती दौर में कोरोना के काफी कम मामले सामने आए थे। मगर अप्रैल माह में अचानक संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े। वहीं उसके पड़ोसी देश डेनमार्क और नॉर्वे में कम लोग संक्रमित हुए। कोरोना के कारण डेनमार्क में अब तक 580 मौतें हुई हैं, वहीं नॉर्वे में 237 मौतें हुई हैं। स्वीडन में 3 जून को तो एक दिन में सर्वाधिक 2214 केस दर्ज किए गए।
स्वीडन में कोविड-19 (Covid-19) का असर सबसे अधिक बुजुर्गों पर पड़ा है। 24 मई तक इस देश की दुनिया में कोरोना वायरस से प्रति व्यक्ति मृत्यु दर छठे नंबर पर थी। हर दस लाख पर 384, लेकिन पिछले सात दिनों की बात की जाए तो 322 मौतों के साथ, स्वीडन में प्रति दिन 46 लोगों की मौत हो रही है।
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