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काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कहर से निजात पाने के लिए यहां का प्रशासन लगातार आतंकी संगठन से बातचीत का प्रस्ताव रख रहा है। मगर हर बार यह वार्ता कुछ कारणों की वजह से बीच में ही स्थगित हो जाती है। आखिरकार तालिबान शनिवार को पूरे अफगानिस्तान में अस्थायी संषर्घविराम के लिए राजी हो गया है।
अमरीका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए
संघर्षविराम की इस अवधि में तालिबान के अमरीका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि इस शांति वार्ता को लेकर अमरीका भी साथ देने को तैयार है। वह भी चाहता है कि शांति वार्ता के जरिए अफगानिस्तान में अशांति का हल निकाला जाए।
18 साल पुरानी सैन्य उपस्थिति समाप्त होगी
इस शांति समझौते के कारण अमरीका अफगानिस्तान से अपने बलों को वापस बुला सकेगा और इससे वहां उसकी 18 साल पुरानी सैन्य उपस्थिति समाप्त होगी। अमरीका चाहता है कि समझौते में इस वादे को शामिल किया जाए कि तालिबान अफगानिस्तान को आतंकवादी समूहों के आधार केंद्र के तौर पर इस्तेमाल नहीं करेगा।
तालिबान से जुड़े सूत्रों ने कहा कि संघर्षविराम की अवधि का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि संघर्षविराम 10 दिन तक का हो सकता है। अफगानिस्तान में अभी करीब 12 हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
Published on:
30 Dec 2019 11:55 am
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