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नई दिल्ली। भारत सरकार ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को रोकने के लिए एक सख्त कदम उठाते हुए उन तमाम वेबसाइटों को बैन कर दिया, जिसमें एडल्ट कंटेंट उपलब्ध था या फिर ऐसे कंटेंट को प्रोत्साहित करते थे। अब इस कड़ी में यूनाइटेड किंगडम (यूके) का नाम शामिल हो गया है। पॉर्नोग्राफी के बढ़ते प्रभाव से समाज में दिन ब दिन बढ़ते अपराध को लेकर कई देशों में पॉर्न कंटेंट पर सख्ती बरती जा रही है। अब यूके एक ऐसा कानून को लागू करने जा रहा है जो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तक एडल्ट कंटेंट के पहुंच को रोकेगा। इस कानून को 15 जुलाई से लागू करने का फैसला किया गया है। नए कानून के मुताबिक, जो भी कंपनियां या वेबसाइट एडल्ट कंटेंट उपलब्ध करा रहीं हैं उन्हें अब इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स की उम्र 18 वर्ष से कम न हो। हालांकि कानून में अब इस बात की स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपने अनुसार से अलग-अलग तौर-तरीके या नियम बना सकते हैं। किसी यूजर्स के उम्र को सत्यापित करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट या फिर पेन कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि मांगा जा सकता है। हालांकि आलोचकों का कहना है कि कानून बनाकर इसे नहीं रोका जा सकता है। लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) पर जाकर इस तरह के कंटेंट को देखेंगे। इसलिए एडल्ट कंटेंट को बच्चों की पहुंच से रोकने के लिए कोई दूसरा उपाय करना होगा।
भारत में भी लगा है बैन
बता दें कि सरकार ने बीते वर्ष एक बड़ा फैसला लेते हुए पॉर्न वेबसाइटों को बैन कर दिया था। सरकार ने दलील दी थी कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए इन तमाम वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने देशभर के कई सेंटरों से चलने वाले 857 वेबसाइटों को बैन किया था। सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों ने सरकार के फैसले पर अमल करते हुए वेबसाइटों के एक्सेस पर रोक लगा दी। देश में बढ़ते चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को देखते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने भी इस मामले पर सरकार से सवाल किया था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए 850 से अधिक वेबसाइटों पर बैन लगा दिया। हालांकि इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार के खिलाफ गुस्सा भी जाहिर किया।
पॉर्नोग्राफी पर क्यों सख्त है सरकार?
दरअसल, पूरी दुनिया में पॉर्नोग्राफी से संबंधित कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जो कि बहुत ही शर्मनाक है। अभी हाल ही की बात करें तो यूके में पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह के सामने चलती बस में एक शख्स ने Masturbation करना शुरू कर दिया। इसके अलावे ऑस्ट्रेलिया में तीन महिलाएं बीच सड़क में दिन के समय में ही कपड़े उतार कर अश्लील हरकतें करने लगी। भारत की बात करें तो दिल्ली गैंगरेप का मामला एक ऐसा उदाहरण है जिसको लेकर यह माना जा सकता है कि इसे पॉर्नोग्राफी के बढ़ते प्रभाव के कारण अंजाम दिया गया था। इस तरह से ऐसे कई उदाहरण हैं जो तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चों को आसानी से शिकार बनाया जाने लगा। पूरी दुनिया में यौन उत्पीड़न के मामले भी बढ़ गए हैं। साथ ही बच्चों के अपहरण के मामले भी बढ़े हैं। बच्चों का अपहरण कर देहव्यापार में धकेल दिया जाता है। साथ ही उनके साथ यौन उत्पीड़न किया जाता है। इसके अलावे भी कई ऐसे मामले व कारण हैं जिनको देखते हुए चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर रोक लगाया जा रहा है।
इन देशों में पॉर्नोग्राफी का ये है हाल
बता दें कि पॉर्नोग्राफी पर कई देशों में सख्त नियम बने हैं तो कई देशों इसे बैन कर दिया गया है या इसे गैरकानूनी बनाया गया है। हालांकि कई देशों में इसे कानून के कुछ नियमों के आधार पर मान्यता भी दी गई है।
इन देशों में बैन- नॉर्थ कोरिया, सूडान, इजिप्ट, बांग्लादेश, साउथ कोरिया
इन देशों में गैरकानूनी- पाकिस्तान, यूक्रेन, बाहामास, बोत्स्वाना
इन देशों में कानून के तहत मान्य- युनाइटेड किंगडम (UK), यूनाइटेड स्टेट (US), ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा, इटली, फ्रांस
मालूम हो कि जिन देशों में पॉर्न को गैरकानूनी बनाया गया है, वहां पर पोर्नोग्राफी से जुड़ी किसी भी तरह की सामग्री रखना, देखना, बनाना और बांटना अवैध है। ऐसा करने पर यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे कड़ी सजा दी जाती है। साथ ही जिन देशों में कानून के तहत वैध है वहां कुछ नियम बनाएं गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। यदि कोई नियम का उल्लंघन करता है तो उसे कठोर सजा दी जाती है।
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Published on:
19 Apr 2019 07:07 am
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