
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।
वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अब अपनी कमी छिपाने के लिए दूसरे देशों का सहारा ले रहे हैं। वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर उन्होंने गुरुवार को भारत, रूस और चीन पर उचित कदम न उठाने का आरोप लगाया हैं। राष्ट्रपति पद के लिए आखिरी प्रेसिडेंशियल बहस (Final Presidential Debate) में डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की हवा को गंदा बताया और पेरिस जलवायु समझौते से हटने के अमरीका के कदम को सही ठहराया है।
नाश्विले के बेलमॉन्ट विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति पद के चुनाव की अंतिम आधिकारिक बहस उन्होंने प्रदूषण का मुद्दा उठाया। इस दौरान ट्रंप ने कहा 'चीन को देखिए, कितना गंदा है। रूस को देखिए, भारत को देखिए, वे बहुत गंदे हैं। हवा बहुत गंदी है।'
अमरीका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। ऐसे मौके पर ट्रंप का बयान उन पर भारी पड़ सकता है। इस बयान के बाद भारतीय समुदाय में काफी गुस्सा है। सोशल मीडिया पर ट्रंप को लोगों ने डेटा के जरिए सच दिखाया। इस मामले में पीएम मोदी से जवाब मांगा।
गौरतलब है कि आखिरी बहस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खराब हवा को लेकर जैसे ही भारत के खिलाफ बयान दिया, इससे प्रतिक्रिया स्वरूप ट्वीटर पर 'Filthy' ट्रेंड करने लगा।
ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर उचित कदम न उठाने पर पर भारत और चीन जैसे देशों पर बार-बार आरोप लगाया है। ट्रंप ने 2017 में अमरीका को 2015 पेरिस जलवायु समझौते से खुद बिल्कुल कर अलग कर लिया था। वहीं, बिडने के अनुसार उनके सत्ता में आने पर वह एक बार फिर अमरीका को इस ऐतिहासिक पेरिस समझौते का हिस्सा बनाएंगे।
वहीं दूसरी ओर, ट्रंप ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि चीन और भारत जैसे देशों को ही पेरिस समझौते का लाभ मिल रहा है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण के लिए इन देशों को दोषी ठहराया है। राष्ट्रपति का आरोप है कि पर्यावरण और ओजोन की स्थिति में अमरीका काफी बेहतर है।
Updated on:
23 Oct 2020 10:32 pm
Published on:
23 Oct 2020 10:28 pm
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