इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह बोलने की आजादी को बनाए रखने के लिए एक बड़ा कदम है। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे एक गंभीर खतरा माना। गौरतलब है कि ट्रंप को बीते दिनों ट्विटर की ओर से चेतावनी दी गई थी कि वह अपने ट्वीट को जांचें, ये तत्थयों से परे है। इसका एक लिंक भी उन्हें भेजा गया था। इस पर ट्रंप ने गुस्सा जाहिर करते हुए इसे बोलने की आजादी पर खतरा बताया था।
ट्रंप ने वाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने बड़ा कदम उठाया है। क्योंकि बड़ी तकनीकी फर्मों के पास नागरिकों या बड़े पब्लिक प्लेफॉर्म के बीच संचार के किसी भी रूप को सेंसर, प्रतिबंधित, संपादित, आकार, छिपाने के लिए अनियंत्रित शक्ति थी। ट्रंप ने कहा, “हम इसे जारी नहीं रख सकते।”
इस कार्यकारी आदेश में वाइट हाउस के अधिकार क्षेत्र और सीमाओं को परिभाषित किया गया है। इस तरह के आदेश तकनीकी कंपनियों और सोशल मीडिया पर फैल रही गलत सूचनाओं पर लगाम लगाएंगे। इसके साथ इसके निदान को लेकर प्रशासकीय क्षमता को अधिकार देता है।
इस दौरान अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने माना की आदेश के सामने कई कानूनी चुनौतियां हैं, उन्हें यकीन है कि सामने वाली पार्टी मुकदमा करेगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसे अदालत में चुनौती दी जा रही है, क्या ऐसा नहीं है? लेकिन उन्हें लगता है कि वे बहुत अच्छा करने जा रहे हैं।
यह आदेश संचार कानून अधिनियम, एक अमरीकी कानून को स्पष्ट करने के लिए निर्धारित है जो कुछ स्थितियों में फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब कानूनी सुरक्षा जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। यह आदेश वाणिज्य विभाग के भीतर एक एजेंसी को निर्देशित करेगा। यह धारा 230 के तहत काम करेगा। फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) इस दायरे को परिभाषित करेगी। FCC तय करेगी कि वह सेवा प्रदाता के नियमों और शर्तों के साथ किस प्रकार की सामग्री अवरोधन को भ्रामक, पूर्वकालिक या असंगत माना जाएगा। सोशल-मीडिया साइटों पर सरकारी विज्ञापन की समीक्षा करेगी और उन पर लगाए प्रतिबंध की समीक्षा करेगी। वाइट हाउस के “तकनीकी पूर्वाग्रह रिपोर्टिंग टूल” की फिर से स्थापना होगी, जो नागरिकों के साथ द्वारा अनुचित व्यवहार को रिपोर्ट करेगी।