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बिजरत। किस समय कैसे कपड़े पहने जाएं, कैसे न पहने जाएं इसे लेकर भारत में ही नहीं, दुनिया के अन्य कई देशों में भी ड्रेस कोड तय हैं। यहां तक तो ठीक है, लेकिन ड्रेस कोड को लेकर दुनिया के देशों में होने वाले विवाद भी कम नहीं हैं।
क्या है मामला
ताजा मामला ट्यूनीशिया के स्कूलों का है। दरअसल वहां पर उच्च शिक्षा संस्थानों में लड़कों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है। वे अपनी मर्जी के अनुसार कपड़े पहनकर आ सकते हैं। लेकिन लड़कियों के लिए अलग से ड्रेस कोड बनाया गया है। उन्हें उस ड्रेस कोड का पालन करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें घर भेजने को कहा जाता है।
नियमों पर पहले ही करवाते हैं हस्ताक्षर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- वहां के उच्च विद्यालयों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग नियम हैं, खास तौर पर ड्रेस को लेकर। स्कूल में दाखिले के समय स्कूल के नियमों पर हस्ताक्षर करने होते हैं। इसमें ड्रेस कोड वाला नियम केवल लड़कियों पर ही लागू होता है।
लड़कियां उठाने लगीं आवाज
लेकिन समय के साथ अब लड़कियां ट्यूनिशीया के स्कूलों के ऐसे नियमों के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं। एक स्कूल में लड़कियां विरोध जताते हुए अपने तय यूनिफार्म छोड़ कर सफेद टी-शर्ट पहनकर आ गईं और भेदभाव खत्म करने की मांग करने लगीं।
स्मॉक पहनने के निर्देश जारी किए
बता दें, सितंबर माह में सुपरवाइजरों ने स्कूल की उच्च कक्षा की छात्राओं के लिए स्मॉक पहनकर आने के निर्देश जारी किए थे। ऐसा नहीं करने वाली लड़कियों को घर भेज देने की चेतावनी दी गई थी।
क्या है स्मॉक
स्मॉक एक ढीली कमीज जैसा लिबास है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस चेतावनी पर हैरानी जताई गई। रिपोर्ट्स के अनुसार- हद तो यह थी कि यह चेतावनी दर्शनशास्त्र की क्लास में दी गई। एक 18 वर्षीय छात्रा सीवार तेबुरबी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस अन्याय ने बहुत लड़कियों को सोशल नेटवर्क पर अपनी बातें रखने के लिए प्रेरित किया है। अब लड़कियां खुलकर इस भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ अपनी आवाज उठाने लगी हैं।
Published on:
26 Dec 2017 09:49 pm
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