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तुर्की के राष्ट्रपति ने UN में फिर उठाया कश्‍मीर का मुद्दा, भारत ने दिया कड़ा संदेश

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संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nations) में भारतीय प्रतिनिधि पीआर यूएन कृष्‍णमूर्ति ने कहा तुर्की अपनी खुद की नीतियों की समीक्षा करे।
भारत ने कहा, तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्‍मान करना सीखना चाहिए।

Sep 23, 2020 / 11:04 am

Mohit Saxena

Recep Tayyip Erdogan

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगान।

संयुक्‍त राष्‍ट्र। पाकिस्तान (Pakistan) से हमदर्दी रखने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdogan) ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा में कश्मीर को लेकर जहरीले बोल बोले हैं। इसका भारत ने करारा जवाब दिया है। उसने कहा है कि भारत के आतंरिक मामलों में तुर्की हस्ताक्षेप करने की कोशिश न करे। कश्मीर पर बोलने से पहले वह खुद अपनी आतंरिक नीतियों की समीक्षा करे।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारतीय प्रतिनिधि पीआर यूएन कृष्‍णमूर्ति ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने तुर्की के राष्‍ट्रपति का भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू और कश्‍मीर को लेकर दिए बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति भारत के आंतरिक मामले में हस्‍तक्षेप कर रहे हैं। ये बिल्कुल स्वीकार्य नहीं होगा। तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्‍मान करना सीखना चाहिए बल्कि उसे खुद अपनी नीतियों की गहराई से समीक्षा करना चाहिए।

कश्मीर एक ज्वलंत मुद्दा है: एर्दोगान

एक बार फिर एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से कश्मीर का राग अलापा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर एक ज्वलंत मुद्दा है और दक्षिण एशिया में शांति और स्थि‍रता के लिए ये बेहत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के स्पेशल स्टेटस (अनुच्छेद 370) को हटाए जाने के बाद से ये समस्या गंभीर हो गई है। वह इस समस्या का संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत हल चाहते हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान पाक की तारीफ भी की।

भारत के अत्याचार का झूठा आरोप लगाया

गौरतलब है कि अगस्त में ईद उल अजहा के मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पीएम इमरान खान बातचीत कर कश्मीर पर साथ देने का वादा किया था। कश्मीर को लेकर एर्दोगन कई बार पहले भी बयान दे चुके हैं। उन्होंने इसकी तुलना फिलिस्तीन से करी है। उन्होंने कश्मीर में भारत के अत्याचार का झूठा आरोप भी लगाया। हालांकि एर्दोगान के बोल सच्चाई से बिल्कुल उलट हैं। ये उनके व्यक्तित्व पर मेल नहीं खाता है। एर्दोगन तुर्की मे एक तानाशाह के रूप में जाने जाते हैं।

तुर्की से लगातार फंड मिल रहा

तुर्की अब पाकिस्तान को खुले तौर पर समर्थन कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केरल और कश्मीर समेत देश के कई क्षेत्रों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुर्की से लगातार फंड मिल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार तुर्की भारत में मुसलमानों के बीच कट्टरता फैला रहा है। वहीं चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी कोशिश है कि दक्षिण एशियाई मुस्लिमों पर इसका ज्यादा असर पड़े।

देश में कट्टरता को बढ़ावा दे रहे

एर्दोआन एक तानाशाह हैं। वे इस्लाम के नाम पर अपने देश में कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं। बीते दिनों ऐतिहासिक हगिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। सन 1453 तक ये एक चर्च रहा था। एर्दोआन मुस्लिम जगत में सऊदी अरब की बादशाहत को भी चुनौती देते आए हैं।

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