
कांपला। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर दुनिया भर के कई देशों में अफवाहों का बाजार गर्म है। इस संक्रमण को लेकर झूठे संदेश फैला रहे दो ईसाई पादरियों को यूगांडा (Uganda) में गिरफ्तार कर लिया गया है। ये पादरी लगातार चर्च (Church) की प्रार्थनाओं के साथ अपने विशेष भाषण में लोगों से कह रहे थे कि अफ्रीका (Africa) में कोरोना वायरस का कोई मामला ही नहीं है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यूगांडा प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन पादरियों को फिलहाल जेल भेज दिया है।
ईसाई पादरी अगस्टीन यिगा और डेयोगार्टियस कबीबी पर आरोप है कि शुक्रवार को उन्होंने रिवाइवल क्रिश्चियन गरजाघर में अपने भाषण के दौरान कहा था कि यूगांडा और अफ्रीका में कोरोना वायरस नहीं है। यह बयान स्थानी टेलीविजन में भी दिखाया गया। प्रशासन ने लोगों को एकत्र होने से मना किया था। इसके बावजूद भी अगस्टीन ने न सिर्फ प्रार्थना सभा का आयोजन किया बल्कि लोगों को गुमराह करने की कोशिश की।
यूगांडा के पुलिस प्रवक्ता पैट्रिक ओनयांगो के अनुसार रिवाइवल चर्च के पादरी यिगा को ऐसी हरकत करने को लेकर आरोपित किया गया है। उन्हें जेल भेज दिया गया जो कोविड-19 के फैलने की वजह हो सकती है। फादर कबीबी पर आरोप लगा है कि उन्होंने सरकार की पाबंदियों के बावजूद चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन किया। कबीबी को यूगांडा का काफी प्रसिद्ध पादरी के रूप में देखा जाता है।
यूगांडा सरकार ने 14 दिन का लॉकडाउन लगाया
यूगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के अनुसार बीते सोमवार से ही कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र देश में में 14 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। पूरे देश में ट्रेवल बैन लागू किया गया और सिर्फ खास जरूरत के लिए ही लोगों के घर से निकलने की अनुमति मिली है। कार्गो विमान के अलावा लॉरी, पिकअप और ट्रेन सभी 31 मार्च तक के लिए बंद हैं। वहीं देश भर में कर्फ्यू की घोषणा की गई है। यूगांडा में अभी तक कोरोना संक्रमण के 34 मामले सामने आए हैं। इनमें से अभी किसी की मौत नहीं हुई है।
Updated on:
01 Apr 2020 05:47 pm
Published on:
31 Mar 2020 04:11 pm
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