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UGC का फरमान: देश के सभी कॉलेज 29 सितंबर को मनाएं सर्जिकल स्‍ट्राइक डे, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने कसा तंज

भाजपा सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने हाल ही में कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक को इस तरह से प्रचारित करना खुद को सर्टिफिकेट देने जैसा होगा।

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UGC का फरमान: देश के कॉलेजों 29 सितंबर को मनाएं सर्जिकल स्‍ट्राइक डे, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने कसा था तंज

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पठानकोट और उरी सैन्‍य बेस पर आतंकी हमले के बाद पाक को सबक सिखाने के लिए 29 सितंबर, 2016 को एलओसी पार कर सर्जिकल स्‍ट्राइक की घटना को अंजाम दिया था। सेना के इस ऑपरेशन ने पाक सेना सकते में आ गई थी। अब सेना के इस शौर्य और बलिदान को लोगों के जेहन में जिंदा रखने के विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 29 सितंबर को सर्जिकल स्‍ट्राइक डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए देश के सभी विश्‍वविद्यालयों और कॉलेजों को आदेश भी जारी किया गया है। यूजीसी के इस आदेश ने एक बार सर्जिकल स्‍ट्राइक की घटना को चर्चा में ला खड़ा किया है।

सेना की शौर्य गाथा पर संवाद सत्र
दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को गुरुवार को निर्देश दिया कि 29 सितंबर की तारीख को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस के तौर पर मनाएं। इस अवसर पर यूजीसी ने सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में पूर्व सैनिकों से संवाद सत्र, विशेष परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन और सशस्त्र बलों को अपना समर्थन देने के लिए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजने समेत अन्य गतिविधियां संचालित करने को कहा है। आयोग ने सभी कुलपतियों को गुरुवार को भेजे एक पत्र में कहा कि सभी विश्वविद्यालयों की एनसीसी की इकाइयों को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए जिसके बाद एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर -तरीकों के बारे में उन्हें संबोधित करें। विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्रों को संवेदनशील करने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल करके संवाद सत्र का आयोजन कर सकते हैं।

मल्‍टीमीडिया प्रदर्शनी
यूजीसी के पत्र में कहा गया है कि इंडिया गेट के पास 29 सितंबर को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इस तरह की प्रदर्शनियों का आयोजन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, अहम शहरों, समूचे देश की छावनियों में किया जाएगा। इन संस्थानों को छात्रों को प्रेरित करना चाहिए और संकाय सदस्यों को इन प्रदर्शनियों में जाना चाहिए। आपको बता दें कि भारत ने 29 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के सात अड्डों पर निशाना बनाकर हमले किए थे। सेना ने कहा था कि विशेष बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घुसपैठ की तैयारी में जुटे आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया था।

खुद को सर्टिफिकेट देने जैसा
आपको बता दें कि जून में भाजपा सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने सर्जिकल स्ट्राइक को सेना के शौर्य का हिस्सा बताते हुए पार्टी को इसके राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ आगाह किया। उन्‍होंने तंज भरे लहजे में कहा था कि उनका कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक को इस तरह से प्रचारित करना खुद को सर्टिफिकेट देने जैसा है। उन्‍होंने सर्जिकल स्ट्राइक का बड़े पैमाने पर सरकारी प्रचार प्रसार पर कहा था कि इस तरह की कार्रवाई तो पहले भी की जाती रही है। सर्जिकल स्ट्राइक तो रणनीति का हिस्सा रहे हैं। लेकिन इसको लेकर इतनी राजनीति क्यों की जा रही है ये समझ से परे है।