
संयुक्त राष्ट्र। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को बेशक भारी नुकसान पहुंचा हो लेकिन अभी भी ये संगठन चिंता का मुख्य कारण बना हुआ है। ये कहना संयुक्त राष्ट्र का है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी कार्यालय के अंडरसेक्रेटरी जनरल व्लादिमिर वोरनकोव का कहना है कि आईएस अभी भी यह चिंता का एक मुख्य कारण बना हुआ है।
2017 के अंत के बाद से गिर रहा है आईएस का दबदबा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वोरोनकोव ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि हालांकि 2017 के अंत के बाद से आईएस को इराक में हार का सामना करना पड़ा है। इसके सीरिया में भी इसका दबदबा खत्म हुआ है। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इराक और सीरिया दोनों में आईएस सदस्यों की संख्या करीब 20,000 से ज्यादा है। दोनों देशों में यह आंकड़ा निष्पक्ष रूप से विभाजित है।
कुछ आईएस लड़ाके मददगारों के पीछे छिपकर करते हैं वार
संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-रोधी अधिकारी ने आईएस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एक रिपोर्ट पर परिषद को ब्रीफ करते हुए कहा कि कुछ आईएस लड़ाके पूरी तरह से संघर्ष में सक्रिय हैं। उन्होंने ये भी कहा कि संगठन के कुछ सदस्य उनसे सहानुभूति रखने वाले समुदायों के बीच छिपे हुए हैं। आतंकवादी संगठन ने आगे के नुकसान को कम करने के लिए एक रणनीति भी बनाई है। उन्होंने नेतृत्व संरचना को विकेंद्रीकृत किया है।
कई इलाकों में समस्या बनी हुई है
उन्होंने कहा कि जारी संघर्ष और जटिल स्थिरीकरण चुनौतियों के चलते आईएस कोर का इराक और सीरिया में बने रहने की संभावना है। इसके अलावा अफगानिस्तान, दक्षिणपूर्व एशिया, पश्चिम अफ्रीका और लीबिया में और सिनाई, यमन, सोमालिया और सहेल में कुछ हद तक आईएस का दखल है और इससे संबंद्ध संगठन मौजूद हैं। वोरोनकोव ने कहा कि इसके अलावा विदेशी आतंकवादी लड़ाकों के लौटने और स्थानांतरित करने से उत्पन्न चुनौती जटिल बनी हुई है।
Published on:
24 Aug 2018 12:14 pm
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