
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।
वाशिंगटन। अश्वेत जार्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से अमरीका में कई जगहों पर प्रदर्शनों का दौर जारी है। प्रदर्शन की आग वाइट हाउस (White House) तक भी पहुंची। जिसके कारण ट्रंप को इसे संभालने के लिए नेशनल गार्ड (National Guard) की तैनाती करनी पड़ी है। करीब 17 हजार अमरीकी जवानों को प्रदर्शन रोकने के लिए उतारा गया।
वाइट हाउस के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और कई लोगों को गिरपतार किया। इस ममाले पर कुछ संगठन ने ट्रंप के खिलाफ अमरीका की संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमरीकन सिविल लिबरर्टीज यूनियन और ब्लैक लाइव्स मैटर ने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके अधिकारियों पर बिना किसी उकसावे के अपराधिक हमले का आरोप लगाया है।
संगठन के अनुसार शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बेवजह कई राउंड रबर की गोलिया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके साथ ध्वनि यंत्र का भी इस्तेमाल किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी और दंगाई कहकर संबोधित किया है। संगठन का कहना है कि इस कार्रवाई ने हमारे संवैधानिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाया है।
गौरतलब है 25 मई को अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से पूरे अमरीका में प्रदशर्न का दौर शुरू हो गया। इस दौरान ये प्रदर्शन हिंसक हो गए। जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। प्रदर्शन की आग जब वाइट हाउस तक पहुंची तब यहां पर पहले से तैनात जवानों ने ट्रंप के आदेश पर प्रदर्शनकारियों कड़ी कार्रवाई की। इस दौरान कई लोग घायाल भी हुए। जार्ज फ्लॉयड की मौत एक पुलिस अधिकारी की क्रूरता के कारण हुई है। हिरासत में लिए जाने के दौरान उसने जॉर्ज की गर्दन को आठ मिनट तक अपने घुटनों से दबाए रखा। बताया जा रहा है कि सांस न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई।
Updated on:
05 Jun 2020 03:57 pm
Published on:
05 Jun 2020 03:44 pm
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