अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता के अनुसार “हम वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ भारतीय और चीनी बलों के बीच स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। भारत और चीन दोनों ने डी-एस्केलेट करने की इच्छा व्यक्त की है और हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।
गौरतलब है कि लद्दाख की पूर्वी सीमा पर स्थित गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। इस दौरान 43 चीनी सेना के जवान भी हताहत बताए जा रहे हैं। ये घटना 15 जून देर शाम की है। जब भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गईं। इस झड़प में एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए।
अमरीकी प्रवक्ता ने भारतीय सेना के 20 सैनिकों की मौत को लेकर उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है। 2 जून को एक फोन कॉल पर अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति को लेकर चर्चा हुई थी।
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद अमरीकी विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों में सेना के जवान हताहत हुए हैं। दोनों पक्षों को गलवान घाटी में एलएसी के सम्मान के लिए आम सहमति पर कदम उठाना चाहिए। भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई जगहों पर घुस आए हैं। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं।