
रूस और यूक्रेन के बीच कूदा अमरीका, युद्ध की आशंकाओं के बीच भेजा निगरानी विमान
कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद में हस्तक्षेप करते हुए अमरीका ने एक बड़ा कदम उठा लिया है। अमरीका ने रूस-यूक्रेन विवाद में कूदते हुए अजीब सागर के यूक्रेनी इलाके में अपना जंगी जहाज भेज दिया है। अमरीका ने यह कदम दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दरम्यान उठाया है। बता दें कि अजोव सागर में रूस की ओर से यूक्रेन के तीन पोतों पर कब्जे और 24 नाविकों को हिरासत में लेने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बेहद गहरा गया है।
अमरीका ने भेजा निगरानी विमान
अमरीका ने इस मामले पर रूस की आलोचना करते हुए अपना एक जंगी विमान यूक्रेन भेज दिया है। अमरीका ने यह कदम यूक्रेन के प्रति समर्थन दिखाने के लिए उठाया है। अमरीकी अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि यह विमान कीव पहुंच गया है। पिछले महीने 25 नवंबर रूस द्वारा यूक्रेन के तीन जंगी जहाजों को अपने कब्जे में लेने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव भड़क गया था। इस घटना के चलते क्रीमिया युद्ध के बाद पहली बार रूस और यूक्रेन आमने-सामने आ गए हैं। पेंटागन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमरीका और उसके सहयोगियों के एक विमान ने ओपन स्काईज ट्रीटी के तहत यूक्रेन का हौसला बढ़ाने के लिए उड़ान भरी। ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन की सेना ने इस उड़ान के लिये अनुरोध किया था। अमरीका के इस मिशन में कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, रोमानिया जैसे देश भी उसका साथ दे रहे हैं। बता दें कि अमरीका ने काला सागर में कर्च स्ट्रेट के नजदीक यूक्रेनी पोतों पर कब्जा करने और 6 नाविकों को हिरासत में लेने के बाद रूस से कड़ा विरोध जताया है।
गहरा हुआ तनाव
एक तरफ अमरीका और अन्य देश इस मामले में रूस के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी और इस गतिरोध को लकेर यूक्रेन और रूस के बीच तनाव गहरा हो गया है। यूरोपीय देशों और अमरीका के भारी विरोध के बाद भी रूस ने अभी तक यूक्रेन के नौसिनकों को रिहा करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। इस बीच जर्मनी व सहयोगी देशों ने भी काला सागर में अपनी नौसैनिक मौजूदगी बढ़ाने की बात कही है। दोनों देशों ने केर्च जलसंधि के इर्दगिर्द अपने सैनिकों का जमावड़ा करना शुरू कर दिया है। यूक्रेन का मानना है कि रूस 2014 जैसी नरसंहार की घटना दोहराना चाहता है। हालांकि रूस ने अजोव सागर में यूक्रेन के जहाजों के आवागमन पर लगी रोक हटा ली है लेकिन अब भी उसने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि वह इस इलाके में शांति स्थापित करने के लिए गंभीर है।
Published on:
08 Dec 2018 09:00 am
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