वहीं इस बात से अमरीकी चिकित्सा कर्मी हैरान हैं। उनका कहना है कि खुद अमरीका ही वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में अमरीका इतने वेंटिलेटरों का आयात कैसे कर सकता है। हालांकि वाइट हाउस ने अभी तक किसी तरह की सूची नहीं बनाई है कि कौन से देशों को इसे दिया जाएगा। एक प्रशासनिक अधिकारी ने अन्य देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों का जायजा लेकर एक आंकड़ा प्रदान किया है। इसमें 8,000 वेंटिलेटरों को आयात करने की बात कही गई।
उनका कहना है कि हमारे पास नौ कारखाने हैं जो वेंटिलेटर बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जब वेंटिलेटर की जरूरत सबसे अधिक देखी गई है। यह पहला मौका है कि वेंटिलेटर की डिमांड बढ़ रही है। ट्रंप ने कहा कि इस मशीन को कुछ देशों को दिया जा रहा है। यह स्पष्ट है कि राष्ट्र वेंटिलेटर के लिए भुगतान करेंगे, जिसकी कीमत मॉडल के आधार पर 5,000 डॉलर से 30,000 डॉलर तक होगी। इससे पहले ट्रंप ने इसका भुगतान न लेने का मन बनाया था।