फेसबुक सोशल मीडिया का एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसे लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। मृत लोगों के लिए फेसबुक ने कुछ विशेष नियम बनाए हैं। आप चाहें तो इसे हमेशा के लिए डिलीट कर सकते हैं या फिर इसे याद के तौर पर रख सकते हैं। इसके लिए फेसबुक अकाउंट आपके नाम के ठीक बाद ‘रिमेंबर’ का ऑप्शन दिखाई देगा। इसके अलावा आपको फेसबुक को एक लीगल कॉन्ट्रैक्ट भी भेजना होगा जिसमें आपको बताना होगा कि आपकी मृत्यु के बाद कौन आपका अकाउंट हैंडल करेगा। जिसके बाद फेसबुक एक कॉन्ट्रैक्ट करेगा जिसमें सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।
गाने देखने के लिए सबसे बेस्ट जो प्लेटफॉर्म है वह यूट्यूब है। यूट्यूब पर वीडियोज़ के ज़रिए लाखों-करोड़ों कमाने वाले लोगों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। ऐसे में एक बिजनेस प्लेटफॉर्म होने के साथ इसकी यूसेज भी अच्छी खासी है। अगर किसी यूट्यूब अकाउंट हॉल्डर की मौत हो जाती है तो ऐसे में उसकी तरफ से यूट्यूब को एक लीगल कॉन्ट्रैक्ट भेजना होगा जिसमें यह बताना होगा कि मृत्यु के बाद कौन अकाउंट हैंडल करेगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यूट्यूब एक समय की अवधि तक अकाउंट को इस्तेमाल ना किए जाने पर उसे बंद कर देगा।
इंस्टाग्राम की पॉलिसी 90 प्रतिशत तक फेसबुक जैसा है। फेसबुक की ही तरह अकाउंट को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है या फिर उसे याद के तौर पर रखा जा सकता है।
ट्विटर पर मरने के बाद अकाउंट चलाने की कोई पॉलिसी नहीं है। आपके परिवार का कोई सदस्य ट्विटर से आपके अकाउंट को डिलीट करने की रिरक्वेस्ट भेज सकता है। आपके किसी वेरिफाइड फैमिली मेंबर की रिक्वेस्ट पर आपकी पोस्ट, तस्वीरें और अकाउंट को डिलीट कर दिया जाएगा। इसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा।
एक सोशल प्लेटफॉर्म जिसपर किसी भी चीज का आंसर आसानी से मिल सकता है। इसमें अकाउंट होल्डर की डेथ के बाद उसकी प्रोफाइल को मेमोरियल पेज में बदले जाने की पॉलिसी होती है। जिसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र आवश्यक होता है।
फेसबुक पर तब तक अकाउंट एक्टिव रहता है जब तक उसे आपकी मृत्यु की सूचना कोई ना दे। वहीं लिंकेडिन पर भी मृत्यु की सूचना पहुंचने ही अकाउंट बंद हो जाता है। पिनट्रस्ट अकाउंट को कभी बंद नहीं किया जा सकता है जबकि ट्विटर अकाउंट को 6 महीने बाद बंद हो जाता है। कंपनी को आपकी मृत्यु के बारे में बताने के बाद आपका गूगल का अकाउंट बंद हो जाता है।