
WHO Approves Emergency Use of China's Corona Vaccine Sinopharm
नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रही है। इस महामारी से निपटने के लिए तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं। साथ ही जोर-शोर के साथ टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। अब इसी कड़ी में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन की कोरोना वैक्सीन सिनोफार्म को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को चीन की दवा निर्माता कंपनी सिनोफार्म की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब जिन देशों में वैक्सीनेशन की तत्काल आवश्यकता है उन्हें संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत करोड़ों खुराक मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि डब्ल्यूएचओ टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के इस फैसले के बाद चीन में निर्मित सिनोफार्म वैक्सीन को संयक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स कार्यक्रम में आने वाले हफ्तों या महीनों में शामिल किया जा सकता है और यूनिसेफ एवं अमरीका स्थित डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय कार्यालयों से इसका वितरण किया जा सकता है।
आपको बता दें कि चीन सहित कई देशों में पहले ही यह वैक्सीन लाखों लोगों को दी जा चुकी है। गैर-पश्चिमी देशों में विकसित यह पहली वैक्सीन है, जिसे WHO से मंजूरी मिली है। WHO के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले इस वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए एक प्रमुख समिति का गठन किया था कि क्या इसे आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दी जाए या नहीं।
चीन इससे पहले इन टीकों को दी है मंजूरी
आपको बता दें कि इस वैक्सीन का टीका अमरीका के लिए क्षेत्रीय कार्यालय और बच्चों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ के माध्यम से वितरित किया जा सकेगा। WHO के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने एक बयान में कहा कि इस संबंध में अगले शुक्रवार तक फैसला होने की उम्मीद है। इस वैक्सीन की प्रभावशीलता की जानकारी के अलावा सिनोफार्म ने अपने दो टीकों के बारे में बहुत कम सार्वजनिक आंकड़े जारी किए हैं।
मालूम हो कि इससे पहले WHO ने फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की वैक्सीन के साथ ऐस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। कुल मिलाकर सिनोफार्म की वैक्सीन छठी कोरोना वैक्सीन है, जिसे WHO ने मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि सीनोफार्म की वैक्सीन चीन समेत 42 देशों में लोगों को लगाई गई है। इनमें मुख्य रूप से अल्जीरियास केमरून, मिश्र, हंगरी, इराक, ईरान, पाकिस्तान, पेरु, यूएई, सर्बिया और सेशल्स जैसे देश शामिल हैं।
Updated on:
07 May 2021 11:24 pm
Published on:
07 May 2021 11:13 pm
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