
नई दिल्ली।
जापान में दुनिया के किसी भी देश की तुलना में लोग आत्महत्या तेजी से कर रहे हैं। ज्यादातर देशों के मुकाबले जापान में प्रतिमाह इसके आंकड़े एकत्रित हो रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान यहां आत्महत्या के जो आंकड़े सामने आए, वह चिंताजनक है।
वर्ष 2020 में बीते 11 सालों में पहली बार यहां आत्महत्या दर में वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों से एक हैरान करने वाली बात और सामने आई है, वह यह कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आत्महत्या के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। आत्महत्या करने वाली महिलाओं के आंकड़ों में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
गत वर्ष अक्तूबर के आंकड़ों की अपेक्षा इस साल फरवरी महीने के आंकड़ों में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? जापान में कोविड का असर इतना खराब क्यों है? उसमें भी महिलाएं इतनी संख्या में अपनी जान क्यों ले रही हैं?
अभी तक की कुछ रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्यादातर महिलाएं हिंसा का शिकार हुई, जबकि कई महिलाएं अकेलेपन की वजह से अपनी जान लेने की कोशिश कर चुकी हैं। कुछ महिलाओं ने पारिवारिक कारणों से अपनी जान देने की कोशिश भी की है। वहीं, कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके साथ घर में पिता और भाई की ओर से यौन हिंसा की गई, जिसकी वजह से उन्हें घर से भागना पड़ा और अपनी जान देनी कोशिश की।
वहीं, विशेषज्ञ कोरोना महामारी को भी आत्महत्या की बड़ी वजह मान रहे हैं। आत्महत्या रोकने के लिए जापान में सरकार ने एकाकीपन को लेकर मंत्रालय गठित किया गया है। सरकार अब तमाम जागरुकता कार्यक्रम भी चला रही है, जिससे लेाग आत्महत्या जैसे कदम को न चुनें।
Published on:
25 Feb 2021 08:17 am
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