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US Election 2020: सुरक्षित माने जाने वाले राज्य भी कर सकते हैं बड़े उलटफेर

Highlights. - सेफ स्टेट को बचाने और स्विंग स्टेट को पक्ष में करने पर जोर - अनडिसाइडेड वोटर्स को रिझाने के लिए हो रहे प्रबल प्रयास - दोनों ही पार्टियों के लिए फ्लोरिडा अहम स्विंग स्टेट्स में से एक है

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Ashutosh Pathak

Oct 27, 2020

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डोनाल्ड ट्रंप और बिडेन के बीच कांटे की टक्कर।

नई दिल्ली।

दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमरीका के राष्ट्रपति को चुनने का दौर 17 अक्टूबर से ही 'अर्ली वोटिंग' के माध्यम से 'लाइन में लगकर' व 'पोस्टल बैलट' से प्रारंभ हो चुका है। डेमोक्रेटिक पार्टी को उदारवादी, आधुनिक सोच का समर्थन करने वाली तथा आमजन के स्वास्थ्य (ओबामा केयर) श्रमिक संघ, सस्ती शिक्षा तथा सामाजिक सरोकार एवं पर्यावरण संरक्षण की नीतियों के पोषक के रूप में जाना जाता है, जिसके उम्मीदवार जो बाइडेन हैं।

रिपब्लिकन पार्टी की जड़े भी अमरीका में काफी गहरी हैं। रिपब्लिकंस को रूढि़वादी माना जाता है, सरकारी दायरे को सीमित करना, पूंजीवाद को बढ़ावा देना, हथियार रखने के अधिकार सुरक्षित रखना, कम टैक्स तथा मुक्त बाजार की हिमायती है। रिपब्लिकन पार्टी का प्रभाव अमरीका के दक्षिणी राज्यों के अलावा रूरल एरिया में अधिक है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रभाव क्षेत्र के राज्य ब्लू स्टेट डेमोक्रेट्स के लिए सेफ स्टेट भी हैं। रिपब्लिकन पार्टी के प्रभाव वाले राज्यों को रेड स्टेट कहा जाता है। जिन राज्यों में दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर रहती है, उन्हें स्विंग स्टेट कहा जाता है। ये ही जीत हार तय करने में निर्णायक भूमिका में होते हैं। अपने-अपने सेफ स्टेट में ये पार्टियां लंबे समय से जीत रही होती हैं, लेकिन कई बार सेफ स्टेट में भी उलटफेर हो जाते हैं जैसे पिछली बार डेमोक्रेट होल्ड इलाके वैस्कॉनसन से हिलेरी क्लिंटन आश्चर्यजनक ढंग से ट्रंप से पिछड़ गई थीं। समझा जा सकता है कि कैलिफोर्निया डेमोक्रेट्स के लिए सेफ (ब्लू) स्टेट है तो टैक्सास रिपब्लिकन के लिए। फ्लोरिडा, पेंसिलवेनिया आदि स्विंग स्टेट हैं। दोनों ही पार्टियां अपने-अपने स्टेट बचाने में तथा बढ़त बनाने में लगी हैं।साथ ही, स्विंग स्टेट को अपने पक्ष में अधिक से अधिक मतदान करने के अभियान में लगी हैं।

जैसे-जैसे मतदान की गति बढ़ रही है अनडिसाइडेड वोटर्स पार्टियों के केंद्र में आते जा रहे हैं। जीत के अंतर को और बढ़ाने तथा हार के अंतर को पाटने में अनडिसाइडेड वोटर बहुत सहायक हो सकते हैं। दोनों ही पार्टियां अनडिसाइडेड वोटर्स को अपने पक्ष में रिझाने के लिए विशेष अभियान चला रही हैं.

अब लोगों का चुनाव प्रचार में झंडे लहराना और हॉर्न बजाना तथा हल्ला करना यह साबित कर रहा है कि जैसे-जैसे 'अर्ली वोट' पड़ते जा रहे हैं मतदान के प्रति लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा है। हाल ही में ट्रंप ने फ्लोरिडा में आकर अपना वोट डाला। 2016 में ट्रंप ने न्यूयॉर्क में वोट डाला था। माना जा रहा है, फ्लोरिडा के अनडिसाइडेड वोटरों को रिझाने के लिए ये कदम उठाया गया है। पाम बीच काउंटी में ट्रंप ने वोट डाला और उनके समर्थकों ने यहां बड़ी रैली भी की। इसमें समर्थक 'गॉड ब्लेस द यूएसएÓ और 'मेक अमरीका ग्रेट अगेन' के गाने बजाते हुए पूरे इलाके में ट्रंप के लिए वोटों की अपील करते नजर आए।

दूसरी ओर, जब ट्रंप फ्लोरिडा में वोट डाल रहे थे, उसी दिन उस वोटिंग बूथ से करीब 60 मील दूर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा मियामी में बाइडेन के समर्थन में एक सभा कर रहे थे। बाइडेन कैंप ने प्रचार प्रसार के लिए दूसरे तरीके अपनाए हैं। उनका जोर ऑनलाइन प्रचार पर है। इसके अलावा मियामी बीच पर बाइडेन के नाम के बैनर हेलिकॉप्टर से उड़ाए जा रहे हैं, साथ ही अर्ली वोटिंग के बैनर भी उड़ाए जा रहे हैं। इससे साफ है कि दोनों ही पार्टियों के लिए फ्लोरिडा अहम स्विंग स्टेट्स में से एक है।

डेमोक्रेटिक पार्टी, वोटरों को रिझाने के लिए बड़े सेलेब्रिटीज के साथ मिलकर ऑनलाइन कॉन्सर्ट भी आयोजित करवा रही है, जो कि अमरीकी वोटेरों से जुडऩे का एक बड़ा माध्यम है। रेड और ब्लू स्टेट्स के बाद अब स्विंग स्टेट्स और अनडिसाइडेड की सबसे खास भूमिका है।