
WhatsApp Fake Version
मैसेजिंग ऐप WhatsApp की प्राइवेसी को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इन दिनों भी व्हाट्सएप अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चर्चा में हैं और विरोध का सामना कर रही है। अब व्हाट्सएप से जुड़ी एक और खबर सामने आई है। खबर है कि WhatsApp के iPhone प्लेटफॉर्म के फेक वर्जन को देखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसे इटली की एक सर्विलेंस कंपनी Cy4Gate ने बनाया है। इस ऐप से यूजर्स को टारगेट किया जा रहा है और उनकी डिटेल्स चुराई जा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार हैकर्स यूजर्स की डिटेल्स हासिल करने के बाद कुछ कंफीगरेशन फाइल्स को उनके फोन पर इंस्टॉल कर सकते हैं।
फेक ऐप
व्हाट्सप के इस आईफोन प्लेटफॉर्म के फेक वर्जन को यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोन्टो के साइबर सिक्योरिटी रिसर्च लैब और सिटीजन लैब ने मदरबोर्ड के साथ मिलकर है। रिपोर्ट के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म Cy4Gate द्वारा ही बनाया गया है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉन्फीग5 डाटी डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट है, जो यूजर्स को व्हाट्सएप की ये फेक ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। Motherboard की रिपोर्ट के अनुसार यह iPhone के लिए एक कंफीगरेशन फाइल है। यह फाइल यूजर की जानकारी को इक्ट्ठा करती है और फिर हैकर्स को भेजती है।
फिशिंग ट्रिक
मदरबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, मदरबोर्ड कािे उस यूआरएल में कई डोमेन्स दिखाई दिए, जिन्हें सार्वजनिक रूप से शेयर किया गया था। इसके साथ ही वहां कुछ ओरिजिनल यूआरएल भी मिले। इनमें से एक WhatsApp के फेक वर्जन का था। व्हाट्सएप का यह फेक वर्जन एक फिशिंग ट्रिक है।
पहचानना मुश्किल
रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाट्सएप का यह फेक वर्जन देखने में एकदम ओरिजनल और वैध दिखता है। इसमें WhatsApp की ब्रांडिंग और प्रोफेशनल ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में इसे पहचानना मुश्किल है। इसमें यह जानकारी दी गई है कि यूजर्स को यह फाइल कैसे डाउनलोड करनी है। सिटीजन लैब के रिसर्चर बिल मार्जक ने बताया कि इस कंफीगेरेशन फाइल को फिशिंग पेज द्वारा उपलब्ध कराया गया है। यह यूजर के फोन में इंस्टॉल होकर उनके डिवाइस की UDID और IMEI को इक्ट्ठा कर हैकर्स को भेज देता है।
WhatsApp ने कहा—कड़ी कार्रवाई की जाएगी
हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है और न ही प्रमाण मिले हैं कि WhatsApp का फेक वर्जन किसी भी तरह से Cy4Gate से लिंक्ड है। इस मामले में WhatsApp के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम अपने यूजर्स की परवाह करते हैं और इन स्पाइवेयर कंपनियों द्वारा किए जा रहे दुरुपयोग का कड़ा विरोध करते हैं। इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
2019 में भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
बता दें कि साल 2019 में इस तरह का एक मामला सामने आ चुका है। इसमें इजरायल के एक एनएसओ ग्रुप ने एक स्पाईवेयर बनाया था। यह स्पाईवेयर भारत समेत अन्य जगहों पर पत्रकारों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को टारगेट करने में सक्षम था। बता दें कि कंपनी इस ग्रुप के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ रही है।
Published on:
04 Feb 2021 08:07 pm
बड़ी खबरें
View Allऐप वर्ल्ड
गैजेट
ट्रेंडिंग
