एडीएम वित्त एवं राजस्व सत्यम मिश्र ने रनियाठेर का निरीक्षण कर लोगों की समस्याएं सुनीं, लेकिन अधिक पानी होने के कारण गदईखेड़ा और हरपाल नगर नहीं जा सके। भीतखेड़ा स्थित बिजलीघर में बाढ़ का पानी घुस जाने से तीसरे दिन भी आपूर्ति बाधित रही। इस बारे में एसडीओ रामनारायण राठौर ने बताया कि ट्रांसफार्मर के नीचे से पानी हट जाने के बाद अभी बिजली सप्लाई नहीं शुरू हो सकी है। मंगलवार को टेस्टिंग के बाद विद्युत आपूर्ति शुरू होगी। अभी भी दस गांवों के किसानों की फसलें डूबी हुई हैं। आवागमन, चारा, बिजली की समस्या को लेकर गांव के लोग जूझ रहे हैं।
बाढ़ के पानी से गल चुके कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। पानी के बहाव के चलते रनियाठेर निवासी राजेश और कुशलपाल का कच्चा मकान गिर गया। इसके अलावा मित्रपाल, राजपाल, दिनेश, गीता की दीवारें गिर गई हैं। भाकियू भानु गुट के जिलाध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने बताया कि धान की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। पानी उतरने के बाद धान खराब हो गए हैं। पशुओं के चारे की किल्लत है। उधर, ब्लॉक प्रमुख डॉ. नवदीप यादव ने हरपाल नगर, रनियाठेर, जैतपुर विसाहट, मिलक विसाहट रजोड़ा कन्नरदेव, हीरापुर में पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान लोगों ने बताया कि धान की फसल चौपट हो गई है। तेज धूप के बावजूद कई घर गिर गए हैं। ग्रामीणों ने ब्लॉक प्रमुख से मुआवजा दिलाने की मांग की।