वहीं दोनों दलों के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। फिलहाल सभी की नजरें चार जून को होने वाली मतगणना पर है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। यहां भाजपा से सर्वेश सिंह, सपा से रुचिवीरा और बसपा से इरफान सैफी समेत 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे।
अपना सांसद चुनने के लिए 2059578 मतदाताओं में से 1280706 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो 62.18 फीसदी था। मतदान के दूसरे दिन 20 अप्रैल को भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह का निधन हो गया। मतदान के दिन भाजपा और सपा में सीधी टक्कर देखने को मिली। हाथी की चाल सुस्त रही।
यही स्थिति मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र की सभी पांचों विधानसभा क्षेत्रों में रही। नगर विधानसभा क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम मतदाताओं में 19-20 का फर्क है। मतदान के दिन यहां भाजपा-सपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। मिश्रित आबादी वाले केंद्रों पर मतदान प्रतिशत अधिक रहा।
शहर की तुलना में देहात विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। मुस्लिम मतों में बिखराव कम ही देखने को मिला। ऐसे में यहां कमल पर साइकिल की रफ्तार भारी पड़ती दिखाई दी थी। इस विधानसभा में 59.29 फीसदी वोट पड़े हैं।
कांठ विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा-सपा में टक्कर रही। मुस्लिम मतों में यहां बिखराव देखने को नहीं मिला। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 66.65 प्रतिशत मतदान हुआ। ठाकुरद्वारा विधानसभा क्षेत्र में कुल 68.70 प्रतिशत वोट डाले गए। जो पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 1.7 फीसदी वोट अधिक था। इस विधानसभा में सपा-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर रही।
बसपा लड़ाई से बाहर दिखाई दी। बसपा परंपरागत मतदाताओं तक ही सीमित होकर रह गई। मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में शामिल बिजनौर जिले की बढ़ापुर विधानसभा क्षेत्र में 61.99 प्रतिशत मतदान हुआ है। जबकि 2019 में 60 फीसदी वोट पड़े थे। यहां भी भाजपा और सपा में सीधी टक्कर देखने को मिली थी।
मंडल में रामपुर, संभल, बिजनौर को मिलीं महिला सांसद
मंडल में रामपुर, संभल और बिजनौर को महिला सांसद मिल चुकी हैं। बिजनौर लोकसभा सीट से वर्ष 1985 में कांग्रेस के टिकट पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, वर्ष 1989 में बसपा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और वर्ष 1998 में सपा के टिकट पर ओमवती ने जीत दर्ज की थी।